tag:blogger.com,1999:blog-3539949369988561892.post848062410438715783..comments2024-02-02T07:56:26.618+05:30Comments on दर्पण के टुकड़े: क्यों अपने रंग रूप का ,इतना तुझे गरूर हैKrishan lal "krishan"http://www.blogger.com/profile/12663970434075261890noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3539949369988561892.post-5627154081413102652008-03-21T15:52:00.000+05:302008-03-21T15:52:00.000+05:30शुक्रिया परम्जीत बाली जी रचना को पसन्द करने के लिय...शुक्रिया परम्जीत बाली जी रचना को पसन्द करने के लिये होली की शुभ कामनायेंKrishan lal "krishan"https://www.blogger.com/profile/12663970434075261890noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3539949369988561892.post-42181637964321543322008-03-21T13:51:00.000+05:302008-03-21T13:51:00.000+05:30एक अच्छी पोस्ट के सा्थ ,होली के अच्छे रंग बिखेरे ह...एक अच्छी पोस्ट के सा्थ ,होली के अच्छे रंग बिखेरे हैं। होली मुबारक।<BR/><BR/><BR/>कुदरत की दी सौगात का कर पूरा इस्तेमाल तू<BR/>यू भी ढल ही जायेगा हुस्न कितना भी संभाल तू<BR/><BR/>चाहने वालों की चाहत जो कोई ठुकराता है<BR/>ता उम्र चाहत के लिये फिर खुद भी तरस जाता हैपरमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3539949369988561892.post-50388372371409743442008-03-21T13:07:00.000+05:302008-03-21T13:07:00.000+05:30रविन्दर प्रभात जी ,धन्यवाद और आपको भी होली की बहुत...रविन्दर प्रभात जी ,<BR/>धन्यवाद और आपको भी होली की बहुत बहुत शुभ कामनायेंKrishan lal "krishan"https://www.blogger.com/profile/12663970434075261890noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3539949369988561892.post-46118202010811242232008-03-21T12:45:00.000+05:302008-03-21T12:45:00.000+05:30बढिया है ,आपको भी होली की शुभकामनाएं !!बढिया है ,आपको भी होली की शुभकामनाएं !!रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3539949369988561892.post-11772298620305250022008-03-21T08:24:00.000+05:302008-03-21T08:24:00.000+05:30बहुत ही बढ़िया कविता लगी ये शेर और भी अच्छा लगा "ज...बहुत ही बढ़िया कविता लगी ये शेर और भी अच्छा लगा <BR/><BR/>"जो मिला है आज वक्त हर रोज मिल पाता नहीं<BR/>कल का क्या है ये कभी आता कभी आता नहीं"Anonymousnoreply@blogger.com