आप कहते हो कि गम को ना छुपाया कीजे
ना सही हमको किसीको तो बताया कीजे
गम छुपाने का किसे शौक है पर ये तो बता
है भला कौन यहाँ जिस पे भरोसा कीजे
लोग कहते हैं कि गम बांटो तो घट जाता है
ना सही हमको किसीको तो बताया कीजे
गम छुपाने का किसे शौक है पर ये तो बता
है भला कौन यहाँ जिस पे भरोसा कीजे
लोग कहते हैं कि गम बांटो तो घट जाता है
वो गलत कहते हैं जब चाहो ये अजमा लीजे
हैं तमाशाई सभी कोई मददगार नहीं
बताके गम का तमाशा ना बनाया कीजे
दर्दे मरीज करहाता रहा करहाता रहा
देखने वाले रहे कहते कि धीरज कीजे
ये जो हमदर्दी है नाटक है दिखावा है सिर्फ
अपना बोझ अपने ही कंधो पे उठाया कीजे
प्यार का नाम है बस नाम है इस दुनिया में
प्यार व्यापार नही जो सोच समझ कर कीजे
वफ़ा के नाम पे अब कुछ नही होता हासिल
बेवफाई ना करे कोई तो फिर क्या कीजे
बाद मरने के भी क्यों बोझ किसी पे बनना
अपनी लाश अपने ही कन्धो पे उठा भी लीजे
सिवा सलाह यहाँ किसने किसी को क्या दिया
मदद के वास्ते झोली ना फैलाया कीजे
1 comment:
दिल का दर्द कागज़ पे उतारा, धन्यवाद.
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