जिन्दा है पर जिन्दगी बेज़ार किये फिरते है
मौत से बस जिन्दगी उधार लिये फिरते है
चुकता उधार करने से बेवजह ही बचते रहे
खामख्वाह हम खुद को शर्मसार किये फिरते हैं
कर्जदार की तरह साहुकार से बचते रहे
मौत की नजरों में गुनह्गार हुए फिरते हैं
उधार की थी जिन्दगी फिजूल खर्च होती रही
बेवजह ही खुद को कर्जदार किये फिरते हैं
जब दिल मे गुंजाइश नही कि प्यार मे कुछ खो सकें
किस लिये फिर दुनिया भर से प्यार किये फिरते हैं
मौत से बस जिन्दगी उधार लिये फिरते है
चुकता उधार करने से बेवजह ही बचते रहे
खामख्वाह हम खुद को शर्मसार किये फिरते हैं
कर्जदार की तरह साहुकार से बचते रहे
मौत की नजरों में गुनह्गार हुए फिरते हैं
उधार की थी जिन्दगी फिजूल खर्च होती रही
बेवजह ही खुद को कर्जदार किये फिरते हैं
जब दिल मे गुंजाइश नही कि प्यार मे कुछ खो सकें
किस लिये फिर दुनिया भर से प्यार किये फिरते हैं
2 comments:
DEAR Sir aap ki ye line bhohut achhi hai.
sir pls contact me from samiksha
Ek Achhi Kahani Ka Prastutikaran Aapke Dwara. Thank You For Sharing.
प्यार की स्टोरी हिंदी में
Post a Comment