किस लिए हैरां हो तुम यारों ये नया दौर है
कहने की बात और अब करने की बात और है
किस को बेवफा कहे और कहें तो किस लिए
यहाँ वो ही वफ़ादार है जिसका न चलता जोर है
सारे रिश्ते इक कटी पतंग जैसे हो गये
कट गयी पतंग, बची हाथ में बस डोर है
जिस को देखो उसके माथे पर पसीना आ रहा
ऐसा लगता है सभी के दिल में कोई चोर है
इश्क देखो गिरते गिरते कौन हद तक आ गिरा
सुबह बाहों में और तो , शाम को कोई और है
यारों ये नया दौर है, यारों ये नया दौर है
कहने की बात और अब करने की बात और है
किस को बेवफा कहे और कहें तो किस लिए
यहाँ वो ही वफ़ादार है जिसका न चलता जोर है
सारे रिश्ते इक कटी पतंग जैसे हो गये
कट गयी पतंग, बची हाथ में बस डोर है
जिस को देखो उसके माथे पर पसीना आ रहा
ऐसा लगता है सभी के दिल में कोई चोर है
इश्क देखो गिरते गिरते कौन हद तक आ गिरा
सुबह बाहों में और तो , शाम को कोई और है
यारों ये नया दौर है, यारों ये नया दौर है
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