मतलब से रिश्ता रखना क्या रिश्ता बनाना है
मज़बूरी में साथ आना क्या रिश्ते निभाना है
पहले लगना ज़ख़्म और फिर हाल पूछना
ये नमक छिड़कना है या फिर मरहम लगाना है
प्यार ही नही बचा तो रिश्ते में बचा क्या
ये तो रिश्ते की लाश को बस ढोते जाना है
कभी खुद भी शीशा देख और चेहरे को साफ़ कर
या तेरा काम बस औरो को शीशा दिखाना है
तेरी ये ज़िद है अपनी ज़रूरत कहूँ तुझसे
पर मेरी फितरत खुद से भी खुद को छुपाना है
देना तो वो है दे सको जो तुम खुशी खुशी
इक मोड़ पर तो सब को सब कुछ ही गवाना है
दिल में तराज़ू रख के कुछ दे भी दिया तो क्या
तोल मोल कर प्यार क्या करना कराना है
किसी और की भी सोच अपनी ही सोच ना
तरक्की की राह पे अगर तुझे दूर जाना है
गर हो सके तो दिल में गुजांइश कुछ पैदा कर
वरना इक दिन तेरा साथ सब ने छोड़ जाना है
किस किस का साथ छूटेगा तेरे साथ के लिए
अपनी है ज़िद तेरा साथ तो फिर भी निभाना है
क्यों जाल बिछाये कोई उस पंछी के लिए
जिसकी आदत ही जाल में खुद को फंसाना है
मज़बूरी में साथ आना क्या रिश्ते निभाना है
पहले लगना ज़ख़्म और फिर हाल पूछना
ये नमक छिड़कना है या फिर मरहम लगाना है
प्यार ही नही बचा तो रिश्ते में बचा क्या
ये तो रिश्ते की लाश को बस ढोते जाना है
कभी खुद भी शीशा देख और चेहरे को साफ़ कर
या तेरा काम बस औरो को शीशा दिखाना है
तेरी ये ज़िद है अपनी ज़रूरत कहूँ तुझसे
पर मेरी फितरत खुद से भी खुद को छुपाना है
देना तो वो है दे सको जो तुम खुशी खुशी
इक मोड़ पर तो सब को सब कुछ ही गवाना है
दिल में तराज़ू रख के कुछ दे भी दिया तो क्या
तोल मोल कर प्यार क्या करना कराना है
किसी और की भी सोच अपनी ही सोच ना
तरक्की की राह पे अगर तुझे दूर जाना है
गर हो सके तो दिल में गुजांइश कुछ पैदा कर
वरना इक दिन तेरा साथ सब ने छोड़ जाना है
किस किस का साथ छूटेगा तेरे साथ के लिए
अपनी है ज़िद तेरा साथ तो फिर भी निभाना है
क्यों जाल बिछाये कोई उस पंछी के लिए
जिसकी आदत ही जाल में खुद को फंसाना है
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