Friday, February 6, 2015

सपनों की वैलेन्टाईन बनो

 प्यार रिश्तों में इस तरह  बसाया नही जाता 
 कागज के फूलों को  इत्र से  महकाया नही जाता

महक तो, फूलों में, होनी चाहिए   जन्मजात से 
जबरन महक को, फूलो मे बसाया नही जाता

बस 'प्यार' के रिश्ते में ही कुछ प्यार होता है
वरना प्यार रिश्तों में अब  पाया नहीं जाता

दिल मे स्वत: झरने सा फूटे जी हाँ वो ही प्यार है
बाकी या तो बातें हैं या मतलब का व्यापार है

व्यापारियों की दुनिया में क्या प्यार ढूंढना
चीलों के घोंसले में मांस पाया नही जाता

देखो तो चल रहा आजकल एक अज़ब  दौर है
जब 'वो' नही  बाहों में तो बाहों में कोई और है

पर हम हैं अलग दौर के ये तुम्हे नहीं पता
आने वाले दिन सभी तेरे मेरे होंगें गवाह

 तुम जो चाहे समझो  लेकिन वैसे हम हर्गिज नहीं
 कि 'तूँ नहीं तो और सही और नहीं और सही
'
प्यार जब तुमसे हुआ है तो प्यार तुम से ही करेंगे
अब तक जिये अपने लिये पर अब तेरे लिये जियेंगे

हाँ ये बात और है इजहारे इश्क करने की
जो पहले भूल हो गयी वो भूल अब नहीं करेंगे

पर अपने दिल के साथ भी धोखा हम नहीं करेंगे
इजहार-ए-प्यार हो ना हो प्यार तुमसे ही करेंगे

इस तरह ठिठको ना तुम ना ही कुछ हमसे  डरो
हम ना कहेंगे कि  तुम भी प्यार हम से ही करो

इतना भी कुछ कम नहीं मेरे जीने के लिये
सपनों की वैलेन्टाइन बन हमे को प्यार करने दो

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