ना सिखा मुझे अच्छा है क्या और क्या यहाँ खराब है
बस अपनी अपनी सोच है और अपना अपना हिसाब है
रेखा के इस पार हैं या रेखा के उस पार हम
वैसी ही बनती सोच है वैसा ही आता ख्वाब है
दुनिया के रंग ढंग देख हुई एक बात तो साफ़ है
जो खुद करो तो पुण्य है दूजा करे तो पाप है
कल सब को रोकते थे जो उस घर में जाने के लिए
उस घर से आज निकल रहे ये वही जनाब है
गेंदा या चम्पा चमेली फूल भी कुछ कम नही
सब के हाथो में हमेशा आता कहाँ गुलाब है
किस लिए समझाना उसको किस लिए करें मिन्नते
आखिर में हर सवाल का जब "ना" ही उसका जवाब है
जो अन्धेरा दूर न कर सके वो दिया भला किस काम का
जो किसी का प्यार न बन सके किस काम का वो शबाब है
बस अपनी अपनी सोच है और अपना अपना हिसाब है
रेखा के इस पार हैं या रेखा के उस पार हम
वैसी ही बनती सोच है वैसा ही आता ख्वाब है
दुनिया के रंग ढंग देख हुई एक बात तो साफ़ है
जो खुद करो तो पुण्य है दूजा करे तो पाप है
कल सब को रोकते थे जो उस घर में जाने के लिए
उस घर से आज निकल रहे ये वही जनाब है
गेंदा या चम्पा चमेली फूल भी कुछ कम नही
सब के हाथो में हमेशा आता कहाँ गुलाब है
किस लिए समझाना उसको किस लिए करें मिन्नते
आखिर में हर सवाल का जब "ना" ही उसका जवाब है
जो अन्धेरा दूर न कर सके वो दिया भला किस काम का
जो किसी का प्यार न बन सके किस काम का वो शबाब है
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