कटने को अकेले भी मजे से कट रही थी जिन्दगी
सब उम्मीदे मर चुकी थी हर तमन्ना दफन थी
माना कोई खुशी ना थी लेकिन कोई गम भी ना था
जब तक ना तुम मुझ से मिली मै मिला तुम से ना था
तुम से क्या मिला कि हर उम्मीद जिन्दा हो गयी
सोच मेरी फिर से इक उडता परिन्दा हो गयी
सोये हुए अरमान सारे एक ही पल मे जग गये
हर दबी उमंग को फिर पख जैसे लग गये
मेरी उम्मीदे मेरी उमगे मेरी तमन्ना मेरे अरमा
मस्त होकर उड रहे थे सब खुले आकाश में
क्या हंसी नजारा था सारा गगन हमारा था
तुझको दिखाने के लिये मने तुझे पुकारा था
बस इक नज़र डाली थी तुमने उस भरे आकाश मे
मेरी तमन्ना मेरी उमंगे और मेरे विश्वास पे
फिर घायल पक्षी की तरह सब नीचे को गिरने लगे
कुछ तडफडाते गिर पडे कुछ गिरते ही मरने लगे
देखते ही देखते आकाश खाली हो गया
मानो किसी गरीब की रोटी की थाली हो गया
मै तो था उदास मगर तुम मुस्करा रही थी
अपने किये काम पे शायद बहुत इतरा रही
अलविदा कहते कह्ते दूर होती जा रही थी
काश वो नज़ारा मैने तुमको दिखलाया ना होता
तुम मेरी होती ना होती मै तो यूं तन्हा ना होता
सब उम्मीदे मर चुकी थी हर तमन्ना दफन थी
माना कोई खुशी ना थी लेकिन कोई गम भी ना था
जब तक ना तुम मुझ से मिली मै मिला तुम से ना था
तुम से क्या मिला कि हर उम्मीद जिन्दा हो गयी
सोच मेरी फिर से इक उडता परिन्दा हो गयी
सोये हुए अरमान सारे एक ही पल मे जग गये
हर दबी उमंग को फिर पख जैसे लग गये
मेरी उम्मीदे मेरी उमगे मेरी तमन्ना मेरे अरमा
मस्त होकर उड रहे थे सब खुले आकाश में
क्या हंसी नजारा था सारा गगन हमारा था
तुझको दिखाने के लिये मने तुझे पुकारा था
बस इक नज़र डाली थी तुमने उस भरे आकाश मे
मेरी तमन्ना मेरी उमंगे और मेरे विश्वास पे
फिर घायल पक्षी की तरह सब नीचे को गिरने लगे
कुछ तडफडाते गिर पडे कुछ गिरते ही मरने लगे
देखते ही देखते आकाश खाली हो गया
मानो किसी गरीब की रोटी की थाली हो गया
मै तो था उदास मगर तुम मुस्करा रही थी
अपने किये काम पे शायद बहुत इतरा रही
अलविदा कहते कह्ते दूर होती जा रही थी
काश वो नज़ारा मैने तुमको दिखलाया ना होता
तुम मेरी होती ना होती मै तो यूं तन्हा ना होता
2 comments:
तुम से क्या मिला कि हर उम्मीद जिन्दा हो गयी
सोच मेरी फिर से इक उडता परिन्दा हो गयी
बहुत खूब लिखा है
बधाई स्वीकारें ..
इश्क की चोट तो ऐसी ही होती है
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