चन्द सिक्को की खातिर अपना यार बदल गया पाला
जपने लगा है अब तो वो किसी और के नाम के माला
माली और सैयाद मे जिस को फर्क नजर नही आता
दाना चुगते चुगते परिन्दा जाल में वो फस जाता
कान्टे के सग लगा केचुआ मछली गर खायेगी हो
कितनी होशियार वो मछली आखिर फस जायेगी
ये दुनिया है यहां शिकारी अक्सर रूप छुपाता
लक्ष्मण रेखा पार हुई तो सिया हरण हो जाता
अपने रिश्ते तय करने का सब को है अधिकार
जपने लगा है अब तो वो किसी और के नाम के माला
माली और सैयाद मे जिस को फर्क नजर नही आता
दाना चुगते चुगते परिन्दा जाल में वो फस जाता
कान्टे के सग लगा केचुआ मछली गर खायेगी हो
कितनी होशियार वो मछली आखिर फस जायेगी
ये दुनिया है यहां शिकारी अक्सर रूप छुपाता
लक्ष्मण रेखा पार हुई तो सिया हरण हो जाता
अपने रिश्ते तय करने का सब को है अधिकार
पर वो रिश्ता क्या रखना जो जानदार ना शानदार
3 comments:
कान्टे के सग लगा केचुआ मछली गर खायेगी
हो कितनी होशियार वो मछली आखिर फस जायेगी
ये दुनिया है यहां शिकारी अक्सर रूप छुपाता
लक्ष्मण रेखा पार हुई तो सिया हरण हो जाता
वाह लाजवाब गज़ल है लोहडी की शुभकामनायें
vwery good!!!!धन्यवाद और लोहडी की शुभकामनायें
suman ji ,nirmala ji aur rajnish ji aap sab ko dhanyavaad aur dheron shubh kamnaayen
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