इक दिन तो इस दुनिया से सब को किनारा है करना
खुद को तन्हा नही समझना साथ तेरा दूँगा हरदम
मै भी जोर लगाऊंगा जब जोर पड़ेगा तेरा कम
मेरी हर एक सीख तुझे जीवन में राह दिखायेगी
नहीं भटकने देगी तुझ को मंजिल तक पहुंचाएगी
नही सोचना अब क्या होगा जब मै आँखे बंद करूँ
नींद कहीं ना खुल जाये फिर से ना तुमको तंग करूँ
कितना तुम ने सीखा है और कितना मैंने सिखाया
वक्त होगा आजमाने का नही अबतक जो आजमाया
अपनी आँखे खोल के चलना जब मेरी बंद हो जाए
नही भरोसा किसी का करना कोई कितना बहकाये
याद रहे कि इस दुनिया का कुछ दस्तूर है ऐसा
वक्त पे काम आता है अपनी बुदधी अपना पैसा
गुस्सा तुनकपन कड़वे बोल से बचना तू हर बार
काम जो निकले प्यार से ना निकाल पाये तलवार
हिम्मत रखना कभी ना खुद को करना तू कमजोर
गुजर जाएगा इक दिन कोई बुरा जो आया दौर
कोई साथ मिले तो बेहतर वरना दिल पे ना लेना
वैसे भी यहाँ बिन मतलब नही साथ किसीने देना
प्यार व्यार की बाते मान के चलना है बेकार
तुझसे ज्यादा नही किसी ने करना तुझसे प्यार
नूर चेहरे पे चमक आँखों में रख हरदम मुस्काना
हाँ रो लेना कभी जो चाहो मुझे भी संग रुलाना
1 comment:
Very Interesting Poem Added By You. Read प्यार की स्टोरी हिंदी में and Hindi Story. Thank You.
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