हीरे सी चमक है आँखों में , पलकें मानो हों दरबान
दांत चमकते मोतियों से होंठो पे फूलों सी मुस्कान
है नूर गज़ब का चहरे पे जैसे धधकता कोई अंगार
और नैन नक्श इतने तीखे जैसे होते नुकीले बाण
काले भी और लम्बे भी, क्या बात है तेरे बालों की
इक इक लट में तेरी जाने, किस किस की उलझी है जान
है चाल में तेरी वो मस्ती तू चले तो दुनिया रुक जाए
कदमो में तेरे एक दो क्या सारा जहाँ ही झुक जाए
लहराती और बल खाती पतली पगडंडी जैसी
यूँ कह लो गुलाब के नाजुक फूल की इक डंडी जैसी
लचके इधर कभी लचके उधर लेंकिन है कहाँ ना आये नज़र
क्या कमर बनायी है तेरी , देखके सारे है हैरान
ना तो पतली ना मोटी ही ,ना तो लम्बी ना छोटी ही
नाज़ुक से पैरो पर देखो, खडी है बिल्डिंग आलिशान
अब समझा क्यों तेरे सिवा कोई और नही सुन्दर दिखता
एक ही मूरत में जो लग गया, सारा सुंदरता का सामान
मूरत क्या बना डाली तूने कभी धरती पे आके देख ज़रा
ईमान नही किसी का कायम जिसने देखा हुआ बे-ईमान
सुंदरता का सारा खज़ाना भरा है इक तिज़ोरी में
जिसके हाथ में लगा, वो हुआ दुनिया का धनवान्
क्या चीज़ बनायी है भगवान क्या चीज़ बनायी है भगवान्
है
दांत चमकते मोतियों से होंठो पे फूलों सी मुस्कान
है नूर गज़ब का चहरे पे जैसे धधकता कोई अंगार
और नैन नक्श इतने तीखे जैसे होते नुकीले बाण
काले भी और लम्बे भी, क्या बात है तेरे बालों की
इक इक लट में तेरी जाने, किस किस की उलझी है जान
है चाल में तेरी वो मस्ती तू चले तो दुनिया रुक जाए
कदमो में तेरे एक दो क्या सारा जहाँ ही झुक जाए
लहराती और बल खाती पतली पगडंडी जैसी
यूँ कह लो गुलाब के नाजुक फूल की इक डंडी जैसी
लचके इधर कभी लचके उधर लेंकिन है कहाँ ना आये नज़र
क्या कमर बनायी है तेरी , देखके सारे है हैरान
ना तो पतली ना मोटी ही ,ना तो लम्बी ना छोटी ही
नाज़ुक से पैरो पर देखो, खडी है बिल्डिंग आलिशान
अब समझा क्यों तेरे सिवा कोई और नही सुन्दर दिखता
एक ही मूरत में जो लग गया, सारा सुंदरता का सामान
मूरत क्या बना डाली तूने कभी धरती पे आके देख ज़रा
ईमान नही किसी का कायम जिसने देखा हुआ बे-ईमान
सुंदरता का सारा खज़ाना भरा है इक तिज़ोरी में
जिसके हाथ में लगा, वो हुआ दुनिया का धनवान्
क्या चीज़ बनायी है भगवान क्या चीज़ बनायी है भगवान्
है
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