Friday, February 14, 2014

सच है मेरे पास कोई वेलेंटाइन नही

जी हाँ ये सच है कि
मेरे चेहरे पर कोई शाइन  नही
और ये भी है सच कि
मेरे पास कोई वेलेंटाइन नही

लेकिन मुझे अकेला देख
ऐ दोस्त
तू जो मुस्करा रहा है
अपनी वैलेंटाइन को बाहों में ले
अपने भाग्य पर  इतना इतरा रहा है
 खिला रहा है पिला रहा है
महंगी महंगी गिफ्ट दे
उसे  पटा  रहा है
और तेरी वैलेंटाइन भी  ना जाने कैसी कैसी सच्ची  झूठी
कहानिया सूना कर तुझे बहका रही है
अपने आप को तुम्हारी
सिर्फ़  तुम्हारी बता रही है
शायद  तू नही जानता
 तेरी यही वैलेंटाइन
अभी अभी किस और की बाहों से निकल कर आ रही  है
और मुझे डर  है कि
 जब तक तुझे  होश आयेगा
अपनी इसी  वैलेंटाइन को
 तू किसी और की  आगोश में पायेगा

महंगी गिफ्ट लेकर पटने या देकर  पटाने वाले
बार में पीने वाले
होटलो में खाने वाले
किसी के वैलेंटाइन नही होते
और  ऐसा वैलेंटाइन  बनाने वाले
 बाद में अक्सर है रोते
वैलेंटाइन तो वो होता है जो
हाथो में हाथ डाल भले ही ना घूमे
आप का हाथ किस्स डे पर भले  ना चूमे
पर आपके दिल के किसी तार को छू जाए
आप के साथ पार्को बैठे ना बैठे
 लेकिन दुःख सुख में आप  के साथ खड़ा नज़र आये
तुझे वो तब प्रेम का स्पर्श  दे जब तू जीते नही हार जाए
तुझे वो तब किस्स दे जब सारी दुनिया तुझसे आँख चुराए 
 या जब तू खुद को पाये असहाय
ना दे सके  महंगी गिफ्ट
ना पैसे  ही लुटा पाये

लेकिन तू क्या जाने वैलेंटाइन होता है  कैसा
 तेरी तो  वैलेंटाईन भी है ऎसी 
और तू खुद भी है ऐसा



,


 

No comments: