कौन कहता कि हर एक चीज़ महंगी हो गयी
सस्ती होती आदमी की जान देखिये
चंद सिक्को में खरीद सकते हो ईमान तुम
कितना सस्ता हो गया ईमान देखिये
इंसान तो पहले भी सस्ते में ही बिकता था हज़ूर
सस्ते में अब बिकने लगे भगवान् देखिये
कौड़ियों के भाव से कम अब तुले इंसानियत
इंसानियत का घटता हुआ मान देखिये
कौन रोयेगा तुझे दुनिया से यूं जाने के बाद
रेत में मिटते पाँव के निशाँन देखिये
हर रोज़ महंगाई का रोना रोना आखिर किस लिए
सरकारी महंगाई घटने के एलान देखिये
आरोप प्रत्यारोप मढ़ने की इस अंधी होड़ में
नेताओ की फिसलती हुई जुबान देखिये
सस्ती होती आदमी की जान देखिये
चंद सिक्को में खरीद सकते हो ईमान तुम
कितना सस्ता हो गया ईमान देखिये
इंसान तो पहले भी सस्ते में ही बिकता था हज़ूर
सस्ते में अब बिकने लगे भगवान् देखिये
कौड़ियों के भाव से कम अब तुले इंसानियत
इंसानियत का घटता हुआ मान देखिये
कौन रोयेगा तुझे दुनिया से यूं जाने के बाद
रेत में मिटते पाँव के निशाँन देखिये
हर रोज़ महंगाई का रोना रोना आखिर किस लिए
सरकारी महंगाई घटने के एलान देखिये
आरोप प्रत्यारोप मढ़ने की इस अंधी होड़ में
नेताओ की फिसलती हुई जुबान देखिये
1 comment:
बहुत ही सुन्दर है आप की कविता
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