Tuesday, March 17, 2015

तुझे पाके हमने आखिर ये तो बता क्या पाया

ज़िंदगी तुझे खोने का क्यों हो गम ज़रा भी हमको
तुझे पाके हमने आखिर ये तो बता क्या पाया

 रही उम्र भर डराती मुझे बेवज़ह तू अक्सर
अब तो याद भी नहीं  है कब तुझ पे प्यार आया

ये हुआ तो तब क्या होगा वो हुआ तो तब क्या होगा
इसी सोच में ही  हमने सारा समय गवाया 

हर वक़्त की मुसीबत हर समय का रोना धोना
बेवज़ह दबाव हरदम है कब किसको रास आया
 
कभी ये भी सोच कर देख तेरे मुक़ाबिल हमने
जिसे  मौत है तू कहती क्यों हमने गले लगाया


 

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