भरी दुनिया में आखिर देख लो हम हो गए तनहा
किसी को हम ने छोड़ा तो किसी ने हम को छोड़ा है
चले थे जीतने हम युद्ध सवार हो के जिस घोड़े पर
लगाई एड तो पाया कि वो इक लंगड़ा घोडा है
हम अपनी राह पे चलते तो पा लेते कोई मंज़िल
क्यों तुमने अपनी राहों को मेरी राहों से जोड़ा है
ये दुनिया है यहाँ इन्साफ एक दिन हो के रहता है
किसी का मैंने तोड़ा दिल किसी ने मेरा तोडा है
बहुत फिसलन भरी होती हैं राहें इश्क की यारों
भले ही देखने में लगता रस्ता काफी चौड़ा है
बड़ी मंज़िल के अक्सर रास्ते सीधे नही होते
सहज पाने की जिद को किसलिए नहीं तूने छोड़ा है
क्यों अपनी बदनसीबी का खुदा को दोष देते हो
ना समझी में नसीब अपना सभी ने खुद ही फोड़ा है
गिला कैसा कि हम मुँह मोड़ तेरे दर से उठ आये
तूने भी तो अपना मुँह यूँ अक्सर हम से मोड़ा है
कोई तो बात होगी ही जो मंजिल के करीब आके
मुसाफिर छोड़ के मंज़िल जो उलटे पाँव दौड़ा है
किसी को हम ने छोड़ा तो किसी ने हम को छोड़ा है
चले थे जीतने हम युद्ध सवार हो के जिस घोड़े पर
लगाई एड तो पाया कि वो इक लंगड़ा घोडा है
हम अपनी राह पे चलते तो पा लेते कोई मंज़िल
क्यों तुमने अपनी राहों को मेरी राहों से जोड़ा है
ये दुनिया है यहाँ इन्साफ एक दिन हो के रहता है
किसी का मैंने तोड़ा दिल किसी ने मेरा तोडा है
बहुत फिसलन भरी होती हैं राहें इश्क की यारों
भले ही देखने में लगता रस्ता काफी चौड़ा है
बड़ी मंज़िल के अक्सर रास्ते सीधे नही होते
सहज पाने की जिद को किसलिए नहीं तूने छोड़ा है
क्यों अपनी बदनसीबी का खुदा को दोष देते हो
ना समझी में नसीब अपना सभी ने खुद ही फोड़ा है
गिला कैसा कि हम मुँह मोड़ तेरे दर से उठ आये
तूने भी तो अपना मुँह यूँ अक्सर हम से मोड़ा है
कोई तो बात होगी ही जो मंजिल के करीब आके
मुसाफिर छोड़ के मंज़िल जो उलटे पाँव दौड़ा है
1 comment:
सुन्दर पंक्तियाँ. आभार..
नई कड़ियाँ :- आम बजट के कुछ दिलचस्प ज्ञान तथ्य
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