इससे तो अच्छा था नश्तर ही चुभा जाता कोई
मरहम लगाये बिन अगर जाना था वापिस यार को
जानता है जब मरीज़ कि मर्ज़ लाइलाज है
बेकार है झूठी तसल्ली देना उस बीमार को
जीता जाए दिल किसीका हार कर अपना अहम्
तो जीत से बेहतर समझ लो इस हसीन हार को
माझी ही चाहता ना था कि पार पहुंचाता हमें
छोड़ गया था किनारे पर ही वो पतवार को
हम किनारे पर भी होते तो भी डूबते सनम
बेवजह ही मुजरिम ना ठहरा माझी या मझधार को
साथ छोड़ने की बात करता था यार बार बार
हमने कहा 'आमीन' दिया छोड़ इस संसार को
आपका तो दावा था नया जख्म ना दोगे हमें
किसलिए जख्मी किया फिर तुमने मेरे प्यार को
मरहम लगाये बिन अगर जाना था वापिस यार को
जानता है जब मरीज़ कि मर्ज़ लाइलाज है
बेकार है झूठी तसल्ली देना उस बीमार को
जीता जाए दिल किसीका हार कर अपना अहम्
तो जीत से बेहतर समझ लो इस हसीन हार को
माझी ही चाहता ना था कि पार पहुंचाता हमें
छोड़ गया था किनारे पर ही वो पतवार को
हम किनारे पर भी होते तो भी डूबते सनम
बेवजह ही मुजरिम ना ठहरा माझी या मझधार को
साथ छोड़ने की बात करता था यार बार बार
हमने कहा 'आमीन' दिया छोड़ इस संसार को
आपका तो दावा था नया जख्म ना दोगे हमें
किसलिए जख्मी किया फिर तुमने मेरे प्यार को
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