आसमान छोटा पडेगा एक दिन तेरी परवाज़ को
बाहर निकल के देख पिंजरे की दरो दीवार से
कौन कहता है कि आंसू ही नसीब हैं इश्क का
दामन भर भी सकता है खुशियों के अम्बार से
ना तो खुद तड़पो ना ही तडपाओ इन्तजार में
गर मज़ा है कुछ तो वो है असली वसले यार में
शायद बुझती लौ की कोई आखिरी चमक है ये
जो इश्क हमको हो चला है इक जवां दिलदार से
हाँ छाछ के हम है जले दूध के ही जले नही
हर शै को पीना पड़ता है अब फूँक मार मार के
पर प्यार क्या होता है कोई सीखे मेरे यार से
एक ही पल में पढ़ा दे सारे अक्षर प्यार के
उसके आने से महक उठता चहक उठता है घर
कदमो में उसके रहते है सारे मौसम बहार के
बाहर निकल के देख पिंजरे की दरो दीवार से
कौन कहता है कि आंसू ही नसीब हैं इश्क का
दामन भर भी सकता है खुशियों के अम्बार से
ना तो खुद तड़पो ना ही तडपाओ इन्तजार में
गर मज़ा है कुछ तो वो है असली वसले यार में
शायद बुझती लौ की कोई आखिरी चमक है ये
जो इश्क हमको हो चला है इक जवां दिलदार से
हाँ छाछ के हम है जले दूध के ही जले नही
हर शै को पीना पड़ता है अब फूँक मार मार के
पर प्यार क्या होता है कोई सीखे मेरे यार से
एक ही पल में पढ़ा दे सारे अक्षर प्यार के
उसके आने से महक उठता चहक उठता है घर
कदमो में उसके रहते है सारे मौसम बहार के
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