तुम चाहो तो समझ लो ये कि गया मै तुम से हार
तुम चाहो तो मान लो ये कि मुझे है तुम से प्यार
और अगर चाहो तो समझो तुम बिन रह नही सकता
जो चाहो तुम समझो मै कुछ और नही कह सकता
जी करता है कभी मै तेरे होंठ गुलाबी चुमू
कभी तुझे आगोश में लेकर बिना पीये ही झूमू
कभी लिखूं मै कोई गजल होंठो से तेरे गालों पे
या उंगली से गीत लिखूं तेरे काले बालों पे
या गदराये जिस्म के तेरे अंग अंग पे रचु कविता
या फिर तेरी चाल में ढूँढू बहती हुई सरिता
इतना सुन लो और नहीं अब कर सकता इंतज़ार
तुम चाहो तो मान लो ये कि गया मै तुम से हार
ना जीवन में रस है कोई ना ही कोई मज़ा है
ऐसा लगता है कि तुम बिन जीना एक सज़ा है
सच तो ये घर तुम बिन खाली खाली लगता है
जैसे कोई उजड़ा गुलशन पतझड़ में दिखता है
इक तेरे आने से ही, आती है घर में बहार
तुम चाहो तो मान लो ये कि मुझे है तुम से प्यार
रात कोई कटती है कैसे बदल बदल के करवट
खुद ही बयाँ करेगी तुमसे बिस्तर की हर सिलवट
याद तुम्हे करते करते आँख अगर लग जाती
तुम चाहो तो मान लो ये कि मुझे है तुम से प्यार
और अगर चाहो तो समझो तुम बिन रह नही सकता
जो चाहो तुम समझो मै कुछ और नही कह सकता
जी करता है कभी मै तेरे होंठ गुलाबी चुमू
कभी तुझे आगोश में लेकर बिना पीये ही झूमू
कभी लिखूं मै कोई गजल होंठो से तेरे गालों पे
या उंगली से गीत लिखूं तेरे काले बालों पे
या गदराये जिस्म के तेरे अंग अंग पे रचु कविता
या फिर तेरी चाल में ढूँढू बहती हुई सरिता
इतना सुन लो और नहीं अब कर सकता इंतज़ार
तुम चाहो तो मान लो ये कि गया मै तुम से हार
ना जीवन में रस है कोई ना ही कोई मज़ा है
ऐसा लगता है कि तुम बिन जीना एक सज़ा है
सच तो ये घर तुम बिन खाली खाली लगता है
जैसे कोई उजड़ा गुलशन पतझड़ में दिखता है
इक तेरे आने से ही, आती है घर में बहार
तुम चाहो तो मान लो ये कि मुझे है तुम से प्यार
रात कोई कटती है कैसे बदल बदल के करवट
खुद ही बयाँ करेगी तुमसे बिस्तर की हर सिलवट
याद तुम्हे करते करते आँख अगर लग जाती
सपनों में आने से तेरे रात थोड़ी कट जाती
ती गरज है ये कि तुम बिन सूना लगता है संसार
या चाहो तो मान लो ये कि मुझे है तुम से प्यार
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