जिन्दगी के मायने तब समझ आने लगे
चाहने वाले मेरे जब मुझ को ठुकराने लगे
देखता हू आईना तो ऐसा लगता है मुझे
सीने मे द्फन गम हैं चेहरे पे नजर आने लगे
हमने जिन हाथों मे अक्सर फूल थमाये कभी
वो हाथ ही सर पे मेरे पत्थर हैं बरसाने लगे
देखा जब सीने मे नये जख्मो की जगह नहीं
दोस्त कान्टो से पुराने जख्म सहलाने लगे
ना कहें उसे बेवफा तो क्या कहें तू ही बता
जब दोस्त मेरा दुश्मनी की रस्म निभाने लगें
जिनको उंगली पकड़ के चलना सिखाया था कभी
मार के टंगडी मुझे अब वो ही गिराने लगे
वो उग़लियों पे भूल मेरी गिन रहा था बार बार
शर्मिन्दा हुआ जब हम गुनाह उसके गिनवाने लगे
वो आये मेरी दुनिया मे लेकिन ये देखो आये कब
जब छोड सारी दुनिया हम दुनिया से जाने लगे
उम्र भर मौका था मनने और मनाने का सनम
क्यों उम्र खत्म होने पे तुम हमको मनाने लगे
इक मुस्कराहट से तेरी मिट सकते थे मेरे गिले
क्यों बेवजह फिर आप आँसू आँखो मे लाने लगे
जिन्दगी भर जो मुझे तकलीफ देकर खुश रहे
मरने पे मेरे वो ही ज्यादा आँसू बहाने लगे
चाहने वाले मेरे जब मुझ को ठुकराने लगे
देखता हू आईना तो ऐसा लगता है मुझे
सीने मे द्फन गम हैं चेहरे पे नजर आने लगे
हमने जिन हाथों मे अक्सर फूल थमाये कभी
वो हाथ ही सर पे मेरे पत्थर हैं बरसाने लगे
देखा जब सीने मे नये जख्मो की जगह नहीं
दोस्त कान्टो से पुराने जख्म सहलाने लगे
ना कहें उसे बेवफा तो क्या कहें तू ही बता
जब दोस्त मेरा दुश्मनी की रस्म निभाने लगें
जिनको उंगली पकड़ के चलना सिखाया था कभी
मार के टंगडी मुझे अब वो ही गिराने लगे
वो उग़लियों पे भूल मेरी गिन रहा था बार बार
शर्मिन्दा हुआ जब हम गुनाह उसके गिनवाने लगे
वो आये मेरी दुनिया मे लेकिन ये देखो आये कब
जब छोड सारी दुनिया हम दुनिया से जाने लगे
उम्र भर मौका था मनने और मनाने का सनम
क्यों उम्र खत्म होने पे तुम हमको मनाने लगे
इक मुस्कराहट से तेरी मिट सकते थे मेरे गिले
क्यों बेवजह फिर आप आँसू आँखो मे लाने लगे
जिन्दगी भर जो मुझे तकलीफ देकर खुश रहे
मरने पे मेरे वो ही ज्यादा आँसू बहाने लगे