अपने लिए ही जीता हर कोई अपने लिए ही मरता है
इस दुनिया में कोई किसी से प्यार नही करता है
हर रिश्ते की उम्र यहाँ पर तय जरूरत करती है
नही जरूरत रहे तो रिश्ता इक दिन और ना चलता है
उसीसे मन का रिश्ता है उसीसे तन का नाता
जब तक जिसके बिना किसीका काम नही सरता है
रही गर्ज तो यहाँ गधे को लोग बाप कहते हैं
वरना अपने बाप स भी कोई बात नही करता है
झूठी कसमे झूठे वादे और नकली व्यवहार सभी का
कहने को इक दूजे से हर कोई प्यार बहुत करता है
हाथ पकड़ के चलने वाले हाथ छुड़ा के चले गए
अपनी छड़ी के सिवा सहारा कोई नही बनता है
प्यार का दावा करने वाले वक्त है नींद से जाग ज़रा
सपना कितना भी लम्बा हो नही हकीकत बनता है
इस दुनिया में कोई किसी से प्यार नही करता है
हर रिश्ते की उम्र यहाँ पर तय जरूरत करती है
नही जरूरत रहे तो रिश्ता इक दिन और ना चलता है
उसीसे मन का रिश्ता है उसीसे तन का नाता
जब तक जिसके बिना किसीका काम नही सरता है
रही गर्ज तो यहाँ गधे को लोग बाप कहते हैं
वरना अपने बाप स भी कोई बात नही करता है
झूठी कसमे झूठे वादे और नकली व्यवहार सभी का
कहने को इक दूजे से हर कोई प्यार बहुत करता है
हाथ पकड़ के चलने वाले हाथ छुड़ा के चले गए
अपनी छड़ी के सिवा सहारा कोई नही बनता है
प्यार का दावा करने वाले वक्त है नींद से जाग ज़रा
सपना कितना भी लम्बा हो नही हकीकत बनता है