Thursday, January 11, 2018

इक आखरी उम्मीद थी वो भी अब दम तोड़ गयी



तुझ से ही  उम्मीद थी और तू भी हमको   छोड़ गयी
इक आखरी उम्मीद थी  वो भी अब  दम तोड़ गयी
मंज़िलो पे पहुंचना तो  दूर तक की बात थी 
तू तो पहले मोड़ पे ही अपना रास्ता मोड़ गयी
प्यार में मज़बूरियां किसको न थी और कब ना थी
मजबूरियों के नाम पर फिर तू क्यों दिल मेरा तोड़ गयी
रिश्ते बनाना तोड़ना तो कोई तुम से सीख ले
किस से था रिश्ता जोड़ना और किस से रिश्ता जोड़ गयी
हम तो नाहक ही तेरी किस्मत सवांरते रहे
तू है कि  किस्मत मेरी अपने हाथो  फोड़ गयी