देखिये अब जिन्दगी रंग दिखलाती है क्या
वक्त ने खोला है फिरसे हम पे दरवाजा नया
दोस्त या दुश्मन कहूं इस वक्त को तू ही बता
यूँ तो मिलाता है मगर मिलते ही करता है जुदा
जगती है उम्मीद कुछ पाने कि जब भी जिन्दगी से
क्या मुकद्दर है मेरा और क्या मेरी तकदीर है
सामने थाली रही और अंदर निवाला ना गया
हर शख्स ही मुझ से बड़ा दिखने लगा है आजकल
वक्त ने कद मेरा किस हद तक बौना बना दिया
नहीं आज तो कल दिल का शीशा टूट जाना है जरूर
यही सोच कर तेरा अक्स हमने आत्मा में बसा लिया
तेरे लिए दीवानगी किस हद तक पहुंची है ये देख
दिल टूटा लेकिन अक्स तेरा हमने पूरा बचा लिया
वक्त ने खोला है फिरसे हम पे दरवाजा नया
दोस्त या दुश्मन कहूं इस वक्त को तू ही बता
यूँ तो मिलाता है मगर मिलते ही करता है जुदा
जगती है उम्मीद कुछ पाने कि जब भी जिन्दगी से
वक्त लाकर आइना हरबार देता है दिखा
क्या मुकद्दर है मेरा और क्या मेरी तकदीर है
सामने थाली रही और अंदर निवाला ना गया
हर शख्स ही मुझ से बड़ा दिखने लगा है आजकल
वक्त ने कद मेरा किस हद तक बौना बना दिया
नहीं आज तो कल दिल का शीशा टूट जाना है जरूर
यही सोच कर तेरा अक्स हमने आत्मा में बसा लिया
तेरे लिए दीवानगी किस हद तक पहुंची है ये देख
दिल टूटा लेकिन अक्स तेरा हमने पूरा बचा लिया