Saturday, January 30, 2010

नही आज तो कल दिल का शीशा टूट जाना है जरूर

देखिये अब जिन्दगी रंग दिखलाती है क्या
वक्त ने खोला है फिरसे हम पे दरवाजा नया

 दोस्त या दुश्मन कहूं इस वक्त को तू ही बता
 यूँ तो मिलाता है मगर मिलते ही करता है जुदा

 जगती है उम्मीद कुछ पाने कि जब भी जिन्दगी से
 वक्त लाकर आइना हरबार   देता है दिखा

क्या मुकद्दर है मेरा और क्या मेरी तकदीर है
सामने थाली रही और अंदर निवाला ना गया

 हर शख्स ही मुझ से बड़ा दिखने लगा है आजकल
 वक्त ने कद मेरा किस हद तक बौना बना दिया

 नहीं आज तो कल दिल का शीशा टूट जाना है जरूर
यही  सोच कर तेरा अक्स हमने आत्मा में बसा लिया

तेरे लिए दीवानगी किस हद तक पहुंची है ये देख
 दिल टूटा लेकिन अक्स तेरा हमने पूरा बचा लिया

Friday, January 29, 2010

मेरे क़त्ल की साजिश, वही, रचते रहे है रात भर

किसके लिए और किसलिए रोये हम रात रात भर
 तुम रही खामोश या तेरी कही किसी बात पर
 
 बन के बदली तुम बरस जाती तो करते शुक्रिया
 वैसे गुजारिश के सिवा मेरा बस कहाँ किसी बात पर
 
 ज़िन्दगी भर ही हसीनो ने हमें धोखा दिया
 तुम्ही कहो कैसे भरोसा कर लूँ औरत जात पर
 
 कोशिश भी की काबिल भी थे लेकिन ना हासिल कुछ हुआ
 कामयाबी की लकीरे ही ना थी मेरे हाथ पर
 
 इससे से ज्यादा क्या हमारी बेबसी होगी सनम
 हमदर्द मिला है वो जो जख्म देता है बात बात पर
 
देख कर ज़िंदा मुझे हैरान क्यों होते हैं सब
हैरान हैं  शायद ये शख्स ज़िंदा है किस बात पर

मेरी लम्बी उम्र की जो दिन में  करते है दुआ
 क़त्ल की मेरे वो साजिश रचते रहे है रात भर
इक सवाल रोटी का हम से कभी ना हल  हुआ
फख्र था बड़ा हमें हिसाब की किताब पर

Thursday, January 28, 2010

इसे मान लेना तुम बेशक अंतिम इच्छा मेरी

इसे मान लेना तुम बेशक अंतिम इच्छा मेरी
मरू तो हाथो में रख देना तस्वीर कोई इक तेरी

इसके बाद इक रोज़ खुदा से अपनी मुलाक़ात होगी
शिकवे शिकायत होंगे आमने सामने हर बात होगी

 आखिर में पूछे गा खुदा अब बता क्या मर्ज़ी है तेरी
 कहूंगा मैं कि मेरे खुदा बस इतनी अर्ज़ है मेरी

अगले जन्म का सफर अकेले मुझ से तय ना होगा
 तय होगा जब हसीं हमसफ़र साथ मेरे कोई होगा

फिर पूछेगा मुझसे खुदा हमसफर हो तेरी कैसी
दिखला के तस्वीर तेरी कह दूंगा बिलकुल ऐसी 

 ना दो इंच इससे लम्बी ना दो इंच इससे छोटी
 ना थोड़ी सी पतली इससे ना थोड़ी इससे मोटी

ना थोड़ी भी हलकी इससे ना थोड़ी इससे भारी
 ना गोरी हो इससे ज्यादा ना हो इससे कारी

 नयन नक्श हूबहू हो ऐसे जैसी ये है दिखती
जुल्फे भी बिलकुल वैसी हो जैसी ये है

चले तो बिलकुल ऐसी  जैसी ये लहरा के चलती
 बोले तो इस जैसा कानो में ज्यों मिश्री घुलती

 कहूंगा मैं  ए खुदा मेरे  बस इतना और कर देना
 इसके दिल में मेरे लिए थोड़ा सा प्यार भर देना