Saturday, February 20, 2010

वो मेरे करीब इतना आई मै समझा सब कुछ सुलझ गया

जो होना था जो होता है आखिरकार तो वो ही हुआ
वो अपनी राह में चली गयी मै अपनी राह पे चता गया

कभी  उसने कहा था जो होगा दोनों ही मिलकर सुल्तेंगे
बिंदास जियो और खुल के जीयो हैं साथ तो सबसे निपटेंगे

वो मेरे करीब इतना आई मै समझा सब कुछ सुलझ गया
अहसास हुआ बेचारगी का जब देखा सब कुछ उलझ गया 

मैं और  तेरे साथ मुझे पागल समझा क्या  उसने कहा
ये तो सिर्फ मजाक था उसको मैंने क्यों सच मान लिया 

अपनी नजरो में  उसने इस हद तक मुझको  गिरा दिया
ना खुदा मिला ना यार मिला ना इधर का रहा ना उधर का रहा

Friday, February 19, 2010

मेरे यार सा सच्चा यार बड़ी किस्मत वालो को मिलता है

तुम बिन रहना मुश्किल ही नही नामुमकिन सा लगता है
 हर पल या तुम संग बीतता है या तेरी याद में कटता है

 किस हद तक दिल में समाये हो  इसका तुमको एहसास नही
 दिल जितनी बार धडकता है तेरे नाम की माला जपता है

सांस तेरी साँसों में मिल कर आती है तो लगता उम्र बढी
वरना  सांस के आने पर भी यूँ लगे जैसे  दम घुटता है

 जिसे मर के स्वर्ग में जाना हो भगवान् की पूजा करता रहे
 जिसे जीते जी चाहिए जन्नत  वो तेरी पूजा करता है

मैं प्यार में यार के कदमों पे सब अर्पण करता जाता हूँ
और  लोग समझते है पागल है जान बूझ कर लुटता है

 कैसे  किसी को समझाऊं समर्पण ना करूं तो फिर क्या करूं
 यार मेरा जब  सच्चे दिल से मुझ पर जान छिड़कता है

क्यों ना अपनी किस्मत पे बतलाओ  मै नाज करूं 
मेरे यार सा यार बड़ी किस्मत वालों को मिलता है

Sunday, February 14, 2010

ऐ मेरे खुदा इतना भी ना दे जितनी मेरी औकात नही

सब से सुन्दर फूल है जो इस दुनिया के गुलशन का

अर्थी पे वो आके चढ़े ये तो कोई अच्छी बात नही

वो कोहीनूर का हीरा है किसी ताज पे ही शोभा देगा

फकीर की झोली पड़ा रहे ये तो कोई अच्छी बात नही

रानी महारानी बनने का अधिकार जिसे कुदरत ने दिया

महलों की जगह खंडहर में रहे ये तो कोई अच्छी बात नही

वो परी है तो फिर अपने लिए क्यों नही फरिश्ता ढूँढती है

नाचीज से जोड़ रही रिश्ता ये तो कोई अच्छी बात नही

वो भोर की पहली किरण है तो मैं सांझ का हूँ ढलता सूरज

कुछ पल भी साथ नही मुमकिन ता उम्र दे सकता साथ नही

कोई मेरे यार को समझाओ मेरी वो समझता बात नही

जिस रात की सुबह होती है मै वो किस्मत की रात नही

ऐ मेरे खुदा इतना भी ना दे जितनी मेरी औकात नही

लंगूर के हाथ में हूर लगे ये तो कोई अच्छी बात नही