अपने लिए भी वक्त नही जब पास किसी के
क्या आएगा शख्स कोई फिर काम किसीके  
यहाँ पे तेरा दुःख बस एक कहानी है औरो के लिए 
तेरे दुःख को बाँट ले ऐसा दिल ही नहीं है पास किसी के
उस हमदर्दी से  क्या हासिल से जो दर्द किसी का ना बांटे
सिर्फ दिखाने की शै बन के रह गए सब अहसास किसी के
 रिश्तों में दरार का आना अब लाजिम सा लगता है 
प्यार का सीमेंट थोडा सा भी बचा नहीं है पास किसी के 
नीवं का हर पत्थर अब छत पर ही  लगने को आतुर है
नीव का पत्थर कौन बने जवाब कहाँ फ़िर पास किसी के