Saturday, April 3, 2010

यार को हम बीच राह छोड दे मुमकिन नही

या तो वक्त से कहो रोके अपनी रफ्तार को
या कही स ढूंढ़ लाये जाके मेरे यार को
यार को हम बीच राह छोड दे मुमकिन नहीं
इससे तो बेहतर है ये हम छोड दे सन्सार को
दिल में किसीके बीज शक का अकुरित जब हो गया
दिन बचे क्या बाकी फिर दम तोडने मे प्यार को
आन्धी ना तूफान फिर नैया लगी क्यों डोलने
माझी छोड वैठा है विश्वास की पतवार को
जब किया फूलो ने दामन को किया मेरे तार तार
दोष नाहक ही दिये ता उम्र हमने खार को
डूबता ना गर तो फिर और हो सकता था क्या
नैया से उतरा किनारा समझ वो मझधार को