नाले का गंगा में मिलने का तो कोई हक़ नही
गंगा खुद नाले में मिल जाए तो नाला क्या करे
आग लगने से बचा रखा था सूखी घास को
चिंगारी कोई डाले तो घास ना जले तो क्या करे
साजे दिल के तार ढीले खुद ही तो उसने कसे
छूने से फिर सगीत बज उठा तो साज क्या करे
आग पे तो खुद कडाही अपने हाथों से चढा दी
अब कडाही ना तपे तो फिर कडाही क्या करे
अपने हाथों में उठाकर खुद शिखर तक ले गये
फिर छोड़ने से नीचे कोई ना गिरे तो क्या करे
किसी को आजमाने का ये तो तरीका ना हुआ
वो' हाँ 'करे तो भी मरे वो 'ना' करे तो भी मरे