Saturday, December 24, 2016

हम खोटे सिक्को का वज़न बेवज़ह उठाते रहे

इस से रिश्ता उस से नाता तहेदिल से निभाते रहे
हम खोटे सिक्को का वज़न बेवज़ह उठाते रहे

ज़िन्दगी की गाड़ी  थी , अकेले ही चलती रही
सवारी की तरह दोस्त थे आते रहे जाते रहे

एक तुम ही थे हमें  जिससे  कुछ उम्मीद थी
तुम भी पर  तब तक चले जब तक हम चलाते रहे

घाव मैं  दिल के दिखाता भी तो दिखलाता किसे
सब के सब   हाथो में नश्तर और नमक लाते रहे

एक हम थे अपना घर फूँका कि हो कुछ रौशनी
एक वो थे हाथ सेंक अपने  घर जाते  रहे

ना रही अब जिस्म में ताकत ना पैसा जेब में
बारी बारी पल्ला सब बहाने से छुड़ाते रहे

हीरे  मोती  से तेरा दामन था भर सकता मगर
तुम क्यों  कंकर पथ्थरो  से जी को बहलाते रहे

आज भी   आदम का  बच्चा  उतना ही  नासमझ है
 लाखों  रहनुमा भले    इसको  समझाते रहे   

Saturday, October 1, 2016

अब देख तू किस मोड़ पर आकर खडी है जिंदगी

लाख समझाया तुझे पर तू ना मानी जिंदगी
अब देख तू किस  मोड़ पर आकर खडी है जिंदगी

तूफान के आगे तुझे झुकना सिखाया था कभी
वक्त देख कर तुझे बचना सिखाया था कभी

पर पेड़ की तरह तू कुछ और भी तनती  गयी
बात बिगड़ती गयी तूने समझा कि बनती गयी

 वापिस तुरन्त हो जाइये   जो कोई कदम गलत उठे
  मंजिले खो जायेगी अगर  आगे  यूँ बढ़ती रही

 


   

बुलाने पर मेरे दस बार तुम आये तो क्या आये

कभी   तुम खुद  ब खुद  आते तो लगता प्यार है तुमको
बुलाने पर मेरे दस बार  तुम आये तो क्या आये

अभी ताकत है तेरे जिस्म में और जेब में  पैसा
तुझे परवाह क्या कोई तेरे साथ आये ना आये

खुदा का नाम लेकर क्यों मुझे नाहक डराता है
हो सकता है खुदा तुझसे भी पहले मेरा  हो  जाए

कभी तू प्यार करता है कभी तकरार करता है
कभी कुछ  ऐसा कर जिससे भ्रम पूरा ही मिट जाए
  

 
  

Saturday, September 10, 2016

किसी को आजमाने की कभी गलती नहीं करना

किसी को आजमाने की कभी गलती नहीं  करना 
यहां पर आजमाते ही कोईअपना नही रहता 

अगर सपना सूहाना हो तो आँखे बंद रहने  दे    
खुली आँखे तो आँखों में  कोई सपना नही  रहता

वफा का रात दिन दम  भरने वालों को भी देखा है
 ज़रा फिसलन मिले  तो कोई भी संभला नही  रहता 

जो मेरा था अब तेरा है कल किसी और  का होगा 
उम्र भर कोई किसी से यहाँ बन्ध  कर नही रहता

मैं हूँ  तू हो या कोई और सब की इक कहानी है
मज़ा हर शै का सब लेते, कोई खुलकर  नही कहता

  


  

Tuesday, August 30, 2016

हमने जी भर के तुझ को देखलिया

तुमको उलझा के  कुछ सवालों में
 हमने जी भर के तुझ को देखलिया

कुछ तो अंदाजा था पहले से तेरी सूरत का
 बाक़ी   पर्दा उठाके देख लिया

 दुश्मनी  करके क्या गवां देंगे
दोस्ती करके  तुझसे देख  लिया

ना तू प्यार के काबिल  रहा ना  नफरत के
तुझसे हर रिश्ता बनाके  देखलिया

आदमी वो नही होता है जो वो दिखता है
तुझको अज़माके हमने देख लिया