Saturday, September 10, 2016

किसी को आजमाने की कभी गलती नहीं करना

किसी को आजमाने की कभी गलती नहीं  करना 
यहां पर आजमाते ही कोईअपना नही रहता 

अगर सपना सूहाना हो तो आँखे बंद रहने  दे    
खुली आँखे तो आँखों में  कोई सपना नही  रहता

वफा का रात दिन दम  भरने वालों को भी देखा है
 ज़रा फिसलन मिले  तो कोई भी संभला नही  रहता 

जो मेरा था अब तेरा है कल किसी और  का होगा 
उम्र भर कोई किसी से यहाँ बन्ध  कर नही रहता

मैं हूँ  तू हो या कोई और सब की इक कहानी है
मज़ा हर शै का सब लेते, कोई खुलकर  नही कहता

  


  

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