Wednesday, April 2, 2014

कौन कहता कि हर एक चीज़ महंगी हो गयी

कौन कहता कि हर एक चीज़ महंगी हो गयी
सस्ती होती  आदमी की जान देखिये

चंद  सिक्को में खरीद सकते  हो  ईमान तुम
कितना सस्ता हो गया ईमान देखिये

 इंसान तो पहले भी सस्ते में ही बिकता था हज़ूर
सस्ते में  अब    बिकने  लगे   भगवान् देखिये

कौड़ियों के भाव से कम अब तुले  इंसानियत
इंसानियत का घटता हुआ मान देखिये

कौन रोयेगा तुझे दुनिया से यूं जाने के बाद
 रेत  में मिटते  पाँव के निशाँन  देखिये

हर रोज़ महंगाई का रोना  रोना  आखिर  किस लिए
सरकारी महंगाई  घटने के  एलान  देखिये

आरोप प्रत्यारोप मढ़ने की इस अंधी होड़ में
नेताओ की फिसलती हुई जुबान देखिये




  

Friday, February 14, 2014

सच है मेरे पास कोई वेलेंटाइन नही

जी हाँ ये सच है कि
मेरे चेहरे पर कोई शाइन  नही
और ये भी है सच कि
मेरे पास कोई वेलेंटाइन नही

लेकिन मुझे अकेला देख
ऐ दोस्त
तू जो मुस्करा रहा है
अपनी वैलेंटाइन को बाहों में ले
अपने भाग्य पर  इतना इतरा रहा है
 खिला रहा है पिला रहा है
महंगी महंगी गिफ्ट दे
उसे  पटा  रहा है
और तेरी वैलेंटाइन भी  ना जाने कैसी कैसी सच्ची  झूठी
कहानिया सूना कर तुझे बहका रही है
अपने आप को तुम्हारी
सिर्फ़  तुम्हारी बता रही है
शायद  तू नही जानता
 तेरी यही वैलेंटाइन
अभी अभी किस और की बाहों से निकल कर आ रही  है
और मुझे डर  है कि
 जब तक तुझे  होश आयेगा
अपनी इसी  वैलेंटाइन को
 तू किसी और की  आगोश में पायेगा

महंगी गिफ्ट लेकर पटने या देकर  पटाने वाले
बार में पीने वाले
होटलो में खाने वाले
किसी के वैलेंटाइन नही होते
और  ऐसा वैलेंटाइन  बनाने वाले
 बाद में अक्सर है रोते
वैलेंटाइन तो वो होता है जो
हाथो में हाथ डाल भले ही ना घूमे
आप का हाथ किस्स डे पर भले  ना चूमे
पर आपके दिल के किसी तार को छू जाए
आप के साथ पार्को बैठे ना बैठे
 लेकिन दुःख सुख में आप  के साथ खड़ा नज़र आये
तुझे वो तब प्रेम का स्पर्श  दे जब तू जीते नही हार जाए
तुझे वो तब किस्स दे जब सारी दुनिया तुझसे आँख चुराए 
 या जब तू खुद को पाये असहाय
ना दे सके  महंगी गिफ्ट
ना पैसे  ही लुटा पाये

लेकिन तू क्या जाने वैलेंटाइन होता है  कैसा
 तेरी तो  वैलेंटाईन भी है ऎसी 
और तू खुद भी है ऐसा



,


 

Wednesday, February 12, 2014

तुमने चाहा मै बदलू और मैंने चाहा बदलो तुम

तुमने चाहा मै  बदलू  और  मैंने चाहा बदलो तुम
ना तो तुमको खुशी मिलीं और ना ही खुश रह पाये हम

तेरी चाहत मेरी कोशिश, दोनों रहनी थी नाकाम
आम नही केला हो  सकता , केला बन नही सकता आम

किसीका हिस्सा रखके उस हिस्से का हिस्सा देता है
चाहता है कि लेने वाला इसका  भी माने अहसान



Monday, February 10, 2014

है चाल में तेरी वो मस्ती तू चले तो दुनिया रुक जाए

हीरे सी  चमक है आँखों में , पलकें मानो हों  दरबान
दांत चमकते  मोतियों से होंठो पे फूलों सी मुस्कान

है नूर गज़ब का चहरे पे जैसे धधकता कोई  अंगार
और नैन नक्श इतने तीखे जैसे होते नुकीले बाण

काले भी और लम्बे  भी, क्या बात है तेरे बालों की
इक इक लट  में तेरी जाने, किस किस की उलझी है जान

है चाल में तेरी वो मस्ती तू चले तो दुनिया  रुक जाए
कदमो में तेरे एक दो क्या सारा जहाँ ही  झुक जाए

लहराती और बल खाती  पतली  पगडंडी जैसी
यूँ कह लो गुलाब के नाजुक फूल की इक डंडी जैसी

लचके इधर कभी लचके उधर लेंकिन है कहाँ ना आये नज़र
क्या कमर बनायी है तेरी , देखके सारे है हैरान

ना तो पतली ना मोटी ही ,ना तो लम्बी ना छोटी ही
 नाज़ुक से  पैरो पर देखो, खडी है बिल्डिंग आलिशान

अब समझा क्यों तेरे सिवा कोई और नही सुन्दर  दिखता
 एक ही मूरत में जो लग गया, सारा सुंदरता का सामान

 मूरत  क्या बना डाली तूने कभी धरती पे आके देख ज़रा
ईमान नही किसी का कायम जिसने देखा हुआ  बे-ईमान

सुंदरता का सारा खज़ाना भरा है  इक   तिज़ोरी में
जिसके हाथ में लगा, वो  हुआ दुनिया का धनवान्

क्या चीज़ बनायी है भगवान  क्या चीज़ बनायी है भगवान्




 है 

Thursday, January 2, 2014

कभी मेरी याद आये तो आँखों में आंसू मत भरना

 कभी मेरी याद आये तो आँखों में आंसू  मत भरना
इक दिन तो इस दुनिया से सब को किनारा है करना

 खुद को तन्हा नही समझना साथ तेरा दूँगा  हरदम
मै  भी जोर लगाऊंगा जब  जोर  पड़ेगा तेरा कम
 
मेरी हर एक सीख तुझे जीवन में राह दिखायेगी
नहीं भटकने देगी तुझ को मंजिल तक पहुंचाएगी

नही सोचना अब क्या होगा जब  मै  आँखे  बंद करूँ
नींद कहीं ना खुल जाये फिर से ना तुमको तंग करूँ

कितना तुम ने सीखा है और कितना मैंने सिखाया
वक्त होगा आजमाने का नही अबतक जो आजमाया

अपनी आँखे खोल के चलना जब  मेरी  बंद हो जाए
नही भरोसा किसी का करना कोई कितना  बहकाये

याद रहे कि इस  दुनिया  का कुछ दस्तूर है ऐसा
वक्त पे काम  आता है अपनी बुदधी अपना पैसा

गुस्सा तुनकपन   कड़वे बोल से बचना तू हर बार
काम जो निकले प्यार से ना निकाल पाये तलवार

हिम्मत रखना कभी ना खुद को  करना तू कमजोर
गुजर जाएगा  इक दिन कोई बुरा जो आया दौर

कोई साथ मिले तो बेहतर वरना दिल पे ना लेना
वैसे भी यहाँ बिन मतलब नही साथ किसीने देना

प्यार व्यार की बाते मान के चलना है बेकार
तुझसे ज्यादा नही किसी ने करना तुझसे प्यार

नूर चेहरे पे चमक आँखों में रख हरदम मुस्काना
हाँ रो लेना कभी  जो चाहो मुझे भी संग रुलाना



क्या हुआ जो बदल गया एक और साल है



जिस तरफ भी देखिये मचा हुआ धमाल है
सुनते है कि आने वाला कोई नया साल है

लेकिन दिल से पूछीये कि इसमे कुछ नया है क्या
जो था पहली जनवरी, दिसंबर भी तो वही हाल है

बेवफाई, बेहयाई मतलब से बनती यारियां
कुछ भी तो बदला नही ये दिल मे मेरे मलाल है

पेहले भी भ्र्ष्टाचार था अब भी भ्ष्टाचार है ,
आज भी तो औरतो पे होता बलात्कार है 

पेहले कोई विरला रावण या दुशासन था कोई
अब तो जिधर देखीये, इन्ही की भरमार है
जी नही रहे है अब तो सिर्फ पी रहे है लोग
पीने को ही खुशी समझ पी के जी रहे है लोग 

पांव थिरके है तो कुछ दिल भी थिरकना चाहिये
दूजे के होन्ठो पे भी हसी को बिखरना चाहिये
खुद ही नाचे खुद ही झूमे खुद मनायी हर खुशी
उन की भी सोची जिन्दगी जिनके लिये जन्जाल है
आया है तो जायेगा ये कौन बडी बात है
किस बात की खुशी है फिर किस बात का मलाल है 

वक्त चलता जा रहा यही सोचने का वक्त है
जो भी ठहरा रह गया वो  सिर्फ कमबख्त है
 
तुम बदलते मै बदलता तब तो कोई बात थी
क्या हुआ जो बदल गया और एक साल है

आप चाहे कुछ कहो मुझ को तो लगता है ये
पियक्कडों की पीने पिलाने की ये कोई चाल है 

क्या हुआ जो बदल गया एक और साल है