Tuesday, August 30, 2016

हमने जी भर के तुझ को देखलिया

तुमको उलझा के  कुछ सवालों में
 हमने जी भर के तुझ को देखलिया

कुछ तो अंदाजा था पहले से तेरी सूरत का
 बाक़ी   पर्दा उठाके देख लिया

 दुश्मनी  करके क्या गवां देंगे
दोस्ती करके  तुझसे देख  लिया

ना तू प्यार के काबिल  रहा ना  नफरत के
तुझसे हर रिश्ता बनाके  देखलिया

आदमी वो नही होता है जो वो दिखता है
तुझको अज़माके हमने देख लिया