Wednesday, December 11, 2013

तुम्ही कहो क्या प्यार तुम्हारा मुझ पर अत्याचार नही

सच मानो ये  ऐसा नहीं कि मुझको तुझसे प्यार नहीं
हाँ लेकिन ये सच है  कि बंधन मुझको स्वीकार नही

तुम को देखूँ तुमको चाहूं और तुम्ही से बात करूँ
पास ना  आये दूजा मै  पैदा ऐसे हालात करूँ

चाहूं तुमको ऐसे  जैसे   प्यासा चाहे पानी
पर पानी के सहारे केवल  कटे कहाँ जिंदगानी

प्यार तुम्हे करता हूँ जैसे खुदा को बन्दा चाहे 
खुद को  मिटा पर  कौन खुदा के पास है जाना चाहे

तेरी खुशी  का ध्यान रखूँ  है जिम्मेवारी मेरी
खुद को भी  खुश रखूं लेकिन ये मेरा अधिकार  नही

तुम्ही कहो क्या प्यार तुम्हारा मुझ पर अत्याचार नही
चाहो तो कह सकते हो अच्छे मेरे  संस्कार नही

जो चाहो कह लो लेकिन बंधन मुझ को स्वीकार नही





Tuesday, December 10, 2013

कभी मेरी याद आये तो आँखों में आंसू मत भरना

 कभी मेरी याद आये तो आँखों में आंसू  मत भरना
इक दिन तो इस दुनिया से सब को किनारा है करना

 खुद को तन्हा नही समझना साथ तेरा दूँगा  हरदम
मै  भी जोर लगाऊंगा जब  जोर  पड़ेगा तेरा कम
 
मेरी हर एक सीख तुझे जीवन में राह दिखायेगी
नहीं भटकने देगी तुझ को मंजिल तक पहुंचाएगी

नही सोचना अब क्या होगा जब  मै  आँखे  बंद करूँ
नींद कहीं ना खुल जाये फिर से ना तुमको तंग करूँ

कितना तुम ने सीखा है और कितना मैंने सिखाया
वक्त होगा आजमाने का नही अबतक जो आजमाया

अपनी आँखे खोल के चलना जब  मेरी  बंद हो जाए
नही भरोसा किसी का करना कोई कितना भी बहकाये

याद रहे कि इस  दुनिया  का कुछ दस्तूर है ऐसा
वक्त पे काम  आता है अपनी बुदधी अपना पैसा

गुस्सा तुनकपन   कड़वे बोल से बचना तू हर बार
काम जो निकले प्यार से ना निकाल पाये तलवार

हिम्मत रखना कभी ना खुद को तू करना कमजोर
गुजर जाएगा  इक दिन कोई बुरा जो आया दौर

कोई साथ मिले तो बेहतर वरना दिल पे ना लेना
वैसे भी यहाँ बिन मतलब नही साथ किसीने देना

नूर चेहरे पे चमक आँखों में रख हरदम मुस्काना
हाँ रो लेना कभी कभी जब चाहो मुझे रुलाना

प्यार व्यार की बाते मान के चलना है बेकार
तुझसे ज्यादा नही किसी ने करना तुझसे प्यार