जिंदगी भर जिंदगी जो बन पड़ा तुझ को दिया
अब चाहा कुछ तुझसे तो तू मुहं मोड़ के जाने लगी
वो भी दिन थे मै ना चाहता था कोई मेरे साथ हो
चाहा क्या तेरा साथ तू मुझे छोड़ के जाने लगी
बूँद बूँद पानी को तरसाता रहा सदा आसमा
मर गयी धरती की प्यास तो बदलियां छाने लगी
अब गरज या बरस इससे फर्क कुछ पड़ता नही
दिल की हर उम्मीद की अर्थी है उठ जाने लगी
अपना वो, जो वक्त पे काम अपने के आये सदा
मेरी जिंदगी तो हर मोड़ पे बहाने है बनाने लगी
जानती थी एक दिन वो छोड़ ही देगी मुझे
सौंप कर मुझे मौत को जिंदगी पछताने लगी
अब चाहा कुछ तुझसे तो तू मुहं मोड़ के जाने लगी
वो भी दिन थे मै ना चाहता था कोई मेरे साथ हो
चाहा क्या तेरा साथ तू मुझे छोड़ के जाने लगी
बूँद बूँद पानी को तरसाता रहा सदा आसमा
मर गयी धरती की प्यास तो बदलियां छाने लगी
अब गरज या बरस इससे फर्क कुछ पड़ता नही
दिल की हर उम्मीद की अर्थी है उठ जाने लगी
अपना वो, जो वक्त पे काम अपने के आये सदा
मेरी जिंदगी तो हर मोड़ पे बहाने है बनाने लगी
जानती थी एक दिन वो छोड़ ही देगी मुझे
सौंप कर मुझे मौत को जिंदगी पछताने लगी