ना पर है न परवाज़ है , बस कहने भर को परिंदा है
ना जमीन का ज़र्रा रहा ना बना आसमां का चन्दा है
हर आस हर उम्मीद दफन हो चुकी दम तोड़ के
साँसों के आने जाने तक बेवज़ह हर शख्स ज़िंदा है
कहने को हर रोज़ कहता प्यार है तुझसे जिंदगी
तुझसे क्या इस झूठ पर वो खुद से भी शर्मिन्दा है
अच्छा था जब तक ना तुझसे प्यार था मुझे ज़िंदगी
अब तो बस मेरे गले तेरी बंदिशों का फंदा है
सच तो ये है बस हवस को प्यार सब कहने लगे
क्या सोचना फिर कौन प्यार अच्छा कौन गंदा है
जिस दुनिया में कोई किसी के वास्ते जीता नहीं
उसी दुनिया में इक शख्स बस तेरे लिए ही ज़िंदा है
ना जमीन का ज़र्रा रहा ना बना आसमां का चन्दा है
हर आस हर उम्मीद दफन हो चुकी दम तोड़ के
साँसों के आने जाने तक बेवज़ह हर शख्स ज़िंदा है
कहने को हर रोज़ कहता प्यार है तुझसे जिंदगी
तुझसे क्या इस झूठ पर वो खुद से भी शर्मिन्दा है
अच्छा था जब तक ना तुझसे प्यार था मुझे ज़िंदगी
अब तो बस मेरे गले तेरी बंदिशों का फंदा है
सच तो ये है बस हवस को प्यार सब कहने लगे
क्या सोचना फिर कौन प्यार अच्छा कौन गंदा है
जिस दुनिया में कोई किसी के वास्ते जीता नहीं
उसी दुनिया में इक शख्स बस तेरे लिए ही ज़िंदा है
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