Friday, February 29, 2008

लोग कह्ते है कवितायें ना लिखा कीजे

लोग कहते हैं कवितायें ना लिखा कीजे ।
 दर्द जब हद से गुजर जाये तो फिर क्या कीजे ॥
 वो जो कहते है मेरे गीत है बस दर्द भरे ।
 छाले मेरे दिल के कभी उनको दिखा ही दीजे
॥ जो सलाह देते है उम्मीद से जीने की सदा ।
 जहर जो मैने पिया थोड़ा उनको चखा ही दीजे
 फिर ना हसरत से कभी देखेगी किसी दुल्हन को
 मेहन्दी उन हाथों मे इक रोज लगा तो दीजे
 जो भी मिलता है कोई जख्म नया देता है
किन्हीं हाथों में मरहम,खुदा,अब तो थमा भी दीजे
 कोई देता है जख्म कोई छिड़कता है नमक
 रह गयी हैं क्या जमाने मे ये दो ही चीजे
 जख्म देखेंगे तो दिल उनका दहल जायेगा
मेरे जख्मों को किसी तरह छुपा भी दीजे

4 comments:

Anonymous said...

जो सलाह देते है उम्मीद से जीने की सदा ।
जहर जो मैने पिया थोड़ा उनको चखा ही दीजे
bahut badhiya

Krishan lal "krishan" said...

महक जी ,

बहुत शुक्रिया

ghughutibasuti said...

यह भी जीवन है, दर्द और अनन्त दर्द। मिलता भी उन्हीं को है जो सह सकते हैं ।
घुघूती बासूती

Krishan lal "krishan" said...

घुघूती बासूती जी,

कविता से सुन्दर तो आपकी टिप्प्णी है। आपने जो कहा वो अक्ष्ररस: सत्य है। धन्यवाद