Wednesday, March 5, 2008

अब नया हम गीत लिखेंगें

अब नया हम गीत लिखेंगे तुझ संग मेरे मनमीत लिखेंगे रेत पर इन उंगलियों से नाम लिख के होगा क्या आती लहर मिट जायेगा ये प्यार का नामों निशाँ पत्थर के सीने पे अब हम लफ्ज-ए-प्रीत लिखेंगे अब नया हम गीत लिखेंगे……॥ प्यार तुम से था तुम्ही से है और तुम से ही रहेगा इस से ज्यादा खुद बता दिल और तुझसे क्या कहेगा अच्छा लगे तो ठीक वरना और कुछ नवनीत लिखेंगे अब नया हम गीत लिखेंगे…… जिन्दगी भर कोई बाजी हम ने कभी हारी नहीं तेरे दर से खाली हाथ लौटू मै कोई भिखारी नहीं हक है तेरे प्यार पे इसे लेके अपनी जीत लिखेंगे अब नया हम गीत लिखेगे……।

3 comments:

Anonymous said...

रेत पर इन उंगलियों से नाम लिख के होगा क्या
आती लहर मिट जायेगा ये प्यार का नामों निशाँ
पत्थर के सीने पे अब हम लफ्ज-ए-प्रीत लिखेंगेbahut hi badhiya

Udan Tashtari said...

बहुत सही, जनाब...लिखिये नया गीत. :)

Krishan lal "krishan" said...

महक जी और उड़न तश्तरी जी,

आपकी बढ़िया टिप्प्णी के लिये बहुत धन्यवाद