आज तक मानी किसी की भी नहीं
पर आज ये जिद्द तोड़ डाली जायेगी
जायज नाजायज सोच कर क्या कीजिये
अब बात तेरी कोई भी हम से ना टाली जायेगी
है तमन्ना गर तेरी कि याद हम रखें तुम्हें
वादा रहा मर के भी तेरी याद ना मिट पायेगी
दिल तो क्या आत्मा तक मे बसा डाला तुम्हें
हर जन्म अब याद तेरी साथ मेरे जायेगी
पर आज ये जिद्द तोड़ डाली जायेगी
जायज नाजायज सोच कर क्या कीजिये
अब बात तेरी कोई भी हम से ना टाली जायेगी
है तमन्ना गर तेरी कि याद हम रखें तुम्हें
वादा रहा मर के भी तेरी याद ना मिट पायेगी
दिल तो क्या आत्मा तक मे बसा डाला तुम्हें
हर जन्म अब याद तेरी साथ मेरे जायेगी
5 comments:
है तमन्ना गर तेरी कि याद हम रखें तुम्हें
वादा रहा मर के भी तेरी याद ना मिट पायेगी
bhut sundar.sundar rachana ko padhane ke liye aabhar.
अच्छा लगा पढ़कर.
Advocate Rashmi Saurana ji
aapka bahut bahut dhanyawad kavita ko pasand karne ke liye.
Baat jab dil se nikalti hai to dil tak pahunchegi zaroor. Aisa mera maanana hai.
Advocate Rashmi Saurana ji
aapka bahut bahut dhanyawad kavita ko pasand karne ke liye.
Baat jab dil se nikalti hai to dil tak pahunchegi zaroor. Aisa mera maanana hai.
Samir ji
Kahan rahe aap itne din. Aap ke bina man nahi lagata bhai sahib. Jyada intzaar na karvaya karo
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