उसको खुदा ने बख्शा है , शबाब अभी अभी
साकी ने डाली है जाम में, शराब अभी अभी
देखिये अब कौन रह पाता है अपने होश में
चेहरे से उसने उठाया है नकाब अभी अभी
सब को पता चल जायेगा तू है कितनी बेवफा
लिखी है तुझपे जिन्दगी इक किताब अभी अभी
अब वो समझ जायेगा,क्या है प्यार,क्या वफा
खुली है नींद, टूटा है उसका ख्वाब अभी अभी
क्या पता क्या होगा हश्र, खिजां मे फूलों का
मुरझा रहे हैं बहार मे खिले गुलाब अभी अभी
इनायतों से ज्यादा ही निकले हैं आपके सितम
हम ने किया है पिछला सब हिसाब अभी अभी
फूले नहीं समा रहें बाहों मे जिसको लेके आप
निकला था बाहों से मेरी वो जनाब अभी अभी
हाथों में लेके नश्तर फिर सब दोस्त आ गये
जो लगी खबर मेरा जख्म इक है भरा अभी अभी
साकी ने डाली है जाम में, शराब अभी अभी
देखिये अब कौन रह पाता है अपने होश में
चेहरे से उसने उठाया है नकाब अभी अभी
सब को पता चल जायेगा तू है कितनी बेवफा
लिखी है तुझपे जिन्दगी इक किताब अभी अभी
अब वो समझ जायेगा,क्या है प्यार,क्या वफा
खुली है नींद, टूटा है उसका ख्वाब अभी अभी
क्या पता क्या होगा हश्र, खिजां मे फूलों का
मुरझा रहे हैं बहार मे खिले गुलाब अभी अभी
इनायतों से ज्यादा ही निकले हैं आपके सितम
हम ने किया है पिछला सब हिसाब अभी अभी
फूले नहीं समा रहें बाहों मे जिसको लेके आप
निकला था बाहों से मेरी वो जनाब अभी अभी
हाथों में लेके नश्तर फिर सब दोस्त आ गये
जो लगी खबर मेरा जख्म इक है भरा अभी अभी
3 comments:
कृष्ण लालजी,
मैने आपकी कई गजलों में देखा है कि आप मतले की दोनो पंक्तियों में रदिफ़ (इस गजल में "अभी अभी") का इस्तेमाल नहीं करते हैं । जबकि गजल के नियम के हिसाब से मतले की दोनो पंक्तियों में रदिफ़ आना चाहिये । आपका शब्दकोष और ख्याल दोनों बहुत समृद्ध हैं इसीलिये थोडे से प्रयास से आप ऐसा कर सकते हैं । गजल के नियम से चलने से उसकी खूबसूरती कई गुना अपने आप बढ जायेगी ।
आपकी इस रचना में मेरा पसंदीदा शेर है:
अब वो समझ जायेगा,क्या है प्यार,क्या वफा
खुली है नींद, टूटा है उसका ख्वाब अभी अभी
बार बार पढने का मन कर रहा है इस शेर को ...
साभार,
नीरज
नीरज जी,
आप का कहना बिल्कुल सही है। रदीफ के नियम की अवहेलना हूई है। मैने नया मतला डाल कर उसे ठीक भी कर दिया है । शायद अब आपको ठीक लगे।
हर चीज को सहज लेने वालों से अक्सर कुछ नियमों की अवहेलना हो जाती है। कभी जानकारी के अभाव मे और कभी सब चलता है मान कर्। आइन्दा पूरा धयान रखने की कोशिश करुंगा।
शेर पसन्द करने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया
आप जैसे पाठक का मेरे ब्लाग पे आना सौभाग्य की बात है
कृप्या स्नेह बनाये रखें
nice gazal bhai sahab......
jo dil pe lag jae vhi bat hoti he,
ye dil kisi radif ko nhi janta.....
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