कुछ तो बता मेरे खुदा ऐसा क्या मुझसे हो गया
मेरी जमीं भी खो गयी और आसमाँ भी खो गया
सोचा था घर छूटा तो क्या इतना बड़ा जहाँ तो है
पर मेरे छोटे घर से भी छोटा ये जहाँ हो गया
छूटा उसका साथ तो हर साथ कम पड़ने लगा
मै भरी दुनिया के रहते कितना तन्हा हो गया
शायद किसीके प्यार के काबिल नही रहे है हम
जिससे भी सोची प्यार की वो ही खुदा हो गया
वो थी घर था हक से मिलती थी कभी रोटी हमें
पर अब कटोरा भीख का थाली की जगह हो गया
हसरत भरी नजरों से अब तो देखता हूँ रोटियाँ
मै दरबदर भटकते भिखारी की निगाह हो गया
जिस भी दिये से मैने घर मे रोशनी की सोच ली
वही चान्द सूरज बनके किसी आसमाँ का हो गया
चान्द से बेहतर ही है , माटी का वो नन्हा दिया
जिस दिये से घर किसी मुफलिस का रोशन हो गया
कोई लाख सुन्दर हो,सलौना हो,किसीसे हमको क्या
दिये से घर रोशन तो था, चान्द तुझ से क्या मिला
मेरी जमीं भी खो गयी और आसमाँ भी खो गया
सोचा था घर छूटा तो क्या इतना बड़ा जहाँ तो है
पर मेरे छोटे घर से भी छोटा ये जहाँ हो गया
छूटा उसका साथ तो हर साथ कम पड़ने लगा
मै भरी दुनिया के रहते कितना तन्हा हो गया
शायद किसीके प्यार के काबिल नही रहे है हम
जिससे भी सोची प्यार की वो ही खुदा हो गया
वो थी घर था हक से मिलती थी कभी रोटी हमें
पर अब कटोरा भीख का थाली की जगह हो गया
हसरत भरी नजरों से अब तो देखता हूँ रोटियाँ
मै दरबदर भटकते भिखारी की निगाह हो गया
जिस भी दिये से मैने घर मे रोशनी की सोच ली
वही चान्द सूरज बनके किसी आसमाँ का हो गया
चान्द से बेहतर ही है , माटी का वो नन्हा दिया
जिस दिये से घर किसी मुफलिस का रोशन हो गया
कोई लाख सुन्दर हो,सलौना हो,किसीसे हमको क्या
दिये से घर रोशन तो था, चान्द तुझ से क्या मिला
4 comments:
शायद किसीके प्यार के काबिल नही रहे है हम
जिससे भी सोची प्यार की वो ही खुदा हो गया
जवाब:
एक बस तू ही नहीं मुझसे ख़फा हो बैठा
मैंने जो संग तराशा वह ख़ुदा हो बैठा...
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हसरत भरी नजरों से अब तो देखता हूँ रोटियाँ
मै दरबदर भटकते भिखारी की निगाह हो गया
कोई लाख सुन्दर हो,सलौना हो,किसीसे हमको क्या
दिये से घर रोशन तो था, चान्द तुझ से क्या मिला
बेहतरीन..
इस गजल का हर एक शेर एक आह लिए है, बहुत खूब !!!
मेरे पसंदीदा शेर हैं:
शायद किसीके प्यार के काबिल नही रहे है हम
जिससे भी सोची प्यार की वो ही खुदा हो गया |
सोचा था घर छूटा तो क्या इतना बड़ा जहाँ तो है
पर मेरे छोटे घर से भी छोटा ये जहाँ हो गया |
bahut hi sundar
विनय जी, नीरज जी और रोहित जी
इस गज़ल को पढ़ने और सरहाने के लिये आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया भविष्य में भी आते रहेंगे तो आभारी रहूंगा
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