Wednesday, April 30, 2008

जब तक दिल मे दर्द है बाकी तब तक गीत लिखुंगा


पूछ ना मुझ से मेरे साथी कब तक गीत लिखूंगा
जब तक दिल में दर्द है बाकी तब तक गीत लिखूँगा
कुछ दर्द मिले हैं अपनों से कुछ दर्द हैं टूटे सपनों के
 कुछ अपने हैं कुछ पराये हैं कुछ खुद मैने अपनाए हैं
 जब दर्द उभर कोई आता है तो शब्दों का रूप ले जाता है
मै गीत नहीं लिखता साथी तब गीत स्वयं बन जाता है।
मित्रों की बात करूँ साथी कहने को दोस्त कहलाते हैं
पर दिल से दिल मिलता ही नहीं बस हाथ से हाथ मिलाते हैं
 मिलना जुलना खाना पीना हर रोज़ इक्ठठे होता मगर
 जिस वक्त भी काम पड़ा इन से ये काम कभी नहीं आते हैं
 दुश्मन से तो बच भी सकतें हैं मित्रों से कोई बचाव नहीं
 ये चोट वो गहरी देते हैं जीवन भर भरता घाव नहीं
 जब घाव कोई रिस जाता है गीतों का रूप ले जाता है
 मैं गीत नहीं लिखता साथी तब गीत स्वय बन जाता है
 बेटी के पैदा होने पर कहते है कि लक्ष्मी आयी है
पूछो तो जरा फिर चेहरों पर क्यों मायूसी छायी है
 नारी को कहेंगें देवी है मानेगे उसे इन्सान नही
 उपभोग की वस्तु से ज्यादा देते उसको सम्मान नही
 दहेज के लालच मे कोई कहीँ जिन्दा उसे जलाता है
आरोप कहीं झूठे मढ कर उसे घर से निकाला जाता है
 जब बाप कोई बेटी के लिये दहेज जुटा नही पाता है
 डोली कि जगह जब अर्थी मे वो उसे विदा कर आता है
 तब दर्द कहाँ रुक पाता है शब्दो मे छलक ही आता है
मै गीत नही लिखता साथी तब गीत स्वयं बन जाता है
 जब तक गीत स्वय बनते है तब तक गीत लिखुँगा
 पूछ ना मुझ से मेरे साथी कब तक गीत लिखुँ गा

7 comments:

राजीव रंजन प्रसाद said...

तब दर्द कहाँ रुक पाता है
शब्दो मे छलक ही आता है
मै गीत नही लिखता साथी
तब गीत स्वयं बन जाता है

बेहद प्रभावी रचना..बधाई स्वीकारें

***राजीव रंजन प्रसाद

Unknown said...

Please keep writing its a truth of life.

regards
dharminder

Krishan lal "krishan" said...

rajiv ranjan prsad ji aur dharmindar ji aap dono kaa bahut bahut shukriyaa is kavitaa ko pasand karane ke liye.

aap apanaa sneh banaye rakhege to hum bhi likhate hi rahenge

Abhishek Ojha said...

बहुत खूब ! वो कहते हैं न कि जब दर्द हद से बढ़ जाता है तो दवा बन जाता है !

Krishan lal "krishan" said...

abhiShek jii aapkaa bahut bahut dhanyavaad is rachanaa ko pasand karane ke liye.

Udan Tashtari said...

बढ़िया गीत बन पड़ा है, बधाई.

Krishan lal "krishan" said...

Sameer

geet ko badhiyaa kahane ke liye aapakaa shukriya. Ab hum aapke blaag par jaa rhe hai udan tashatri ke dwara