मैं मीत नहीं ऐसा जिसका हर कोई साथ निभा पाये
ना ही हूं ऐसा मीत कि जो भी मिला उसी संग हो जाये
तुम थाम के मेरा हाथ चल सको खुले मे साथ
तो फिर तुम मेरे मीत बनो
जीवन भर हारा हूँ बाजी मैं यहाँ वहाँ इससे उससे
नहीं खेल मे मेरे कमी रही बस जीत गये सब किस्मत से
है दाव पे अब तो हृदय लगा जिसे हारना चाह्ता हूँ तुमसे
तुम भी चाहो ये जीत , हो तुम को भी मुझ से प्रीत
तो फिर तुम मेरे मीत बनो
उस बदली से भी क्या हासिल जो ना गरजे ना बरसे ही
ऐसे बादल के साये तले दो बूँद को धरती तरसेगी
तुम छोड ऊँचा आकाश आ सको जो मेरे पास
कर सको मेरी कम प्यास तो फिर तुम मेरे मीत बनो
मुझ को तो चाहत है तेरे बाहूपाश मे आने की
आलिंगन कर होठों को चूम अधरो मे आग लगाने की
गर तू भी ऐसा ही चाहे आतुर हो अगर तेरी बाहें
मेरा आलिंगन करने को तो फिर तुम मेरे मीत बनो
ना ही हूं ऐसा मीत कि जो भी मिला उसी संग हो जाये
तुम थाम के मेरा हाथ चल सको खुले मे साथ
तो फिर तुम मेरे मीत बनो
जीवन भर हारा हूँ बाजी मैं यहाँ वहाँ इससे उससे
नहीं खेल मे मेरे कमी रही बस जीत गये सब किस्मत से
है दाव पे अब तो हृदय लगा जिसे हारना चाह्ता हूँ तुमसे
तुम भी चाहो ये जीत , हो तुम को भी मुझ से प्रीत
तो फिर तुम मेरे मीत बनो
उस बदली से भी क्या हासिल जो ना गरजे ना बरसे ही
ऐसे बादल के साये तले दो बूँद को धरती तरसेगी
तुम छोड ऊँचा आकाश आ सको जो मेरे पास
कर सको मेरी कम प्यास तो फिर तुम मेरे मीत बनो
मुझ को तो चाहत है तेरे बाहूपाश मे आने की
आलिंगन कर होठों को चूम अधरो मे आग लगाने की
गर तू भी ऐसा ही चाहे आतुर हो अगर तेरी बाहें
मेरा आलिंगन करने को तो फिर तुम मेरे मीत बनो
5 comments:
जीवन भर हारा हूँ बाजी मैं यहाँ वहाँ इससे उससे
नहीं खेल मे मेरे कमी रही बस जीत गये सब किस्मत से
है दाव पे अब तो हृदय लगा जिसे हारना चाह्ता हूँ तुमसे
तुम भी चाहो ये जीत , हो तुम को भी मुझ से प्रीत
तो फिर तुम मेरे मीत बनो
क्या बात कही है सर जी आपने.
बहुत अच्छा लिखा है ...
Badhiya hai, badhai.
समीर जी और कामोद जी
आप्का आभारी हूँ कविता को पढने और उस पर उत्साह्ववर्धक टिपण्णी करने के लिये
तुम थाम के मेरा हाथ चल सको खुले मे साथ
तो फिर तुम मेरे मीत बनो
"bhut sunder mnbhavan rachna"
प्यार की कोई शर्त नहीं।
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