Tuesday, September 23, 2008

जो ना होना चाहिये था आज वो ही हो गया

आपने वादा किया आये नहीं तो क्या हुआ
कुछ पल तो अच्छे कट गये इस इंतजार में
 शायद तुझे अहसास है कि मिलने में मज़ा कहां
जो मज़ा आता है अपने यार की इंतजार में
 आप फिर वादा करो मै फिर करुँगा इंतजार
 उम्र सारी काट सकता हूँ तेरे इंतजार में
 जीवन हॆ एसे मोड पे कॊई साथ दे सकता नहीं
साया भी साथ छोड गया कया गिला फिर यार से
 यूँ भी हर वादा तो किसी का वफा होता नही
 जो तुम ना पूरे कर सके वादे वो बस दो चार थे
 तूँ है मेरा प्यार चाहे लाख तडपाये मुझे
मै खफा होता नहीं हरगिज़ भी अपने प्यार से
 क्या पता मजबूरियां कितनी रही होंगी तेरी
यार यूँ ही बेवफाई कयों करेगा यार से
 लोग कहते है निशाना है बहुत कच्चा तेरा
 मै हुआ घायल बता फिर कैसे तेरे वार से
 तेरा इरादा तो ना था कि कत्ल तुम करते मुझे
 शायद मै आया सामने खुद ही तेरी तलवार के
 मै तो कह सकता नहीं तुमको कभी भी बेवफा
लाख दीवाना मुझे कहता रहे संसार ये
 जो ना होना चाहिये था आज वो ही हो गया
रहना चाहता था किनारे आ गया मंझधार में
 फर्क शायद कम ही होता है मोहब्ब्त में तेरी
पहुंचना उस पार में या डूबना मंझधार में
 अब खौफ डूबने का क्या मै पहले से तैयार हूँ
अचरज तब होगा अगर जो पहुंच गया पार मे

4 comments:

Krishan lal "krishan" said...

सीमा जी
मॆ क्षमा प्रार्थी हूं किसी तकनीकी कारण से पोस्ट नहीं डाल पाया था अब डाल दी हॆ

seema gupta said...

शायद तुझे अहसास है कि मिलने में मज़ा कहां
जो मज़ा आता है अपने यार की इंतजार में

आप फिर वादा करो मै फिर करुँगा इंतजार
उम्र सारी काट सकता हूँ तेरे इंतजार में
" wah wah wah, ek se badh kr ek, what a word composition, beautiful.."

Regards

रंजन (Ranjan) said...

लोग कहते है निशाना है बहुत कच्चा तेरा
मै हुआ घायल बता फिर कैसे तेरे वार से...

बहुत खुब

Udan Tashtari said...

क्या बात है!आनन्द आ गया.