वो साथ ले चले मगर सामान की तरह
दामन छुडाने मे ना हो तकलीफ़ किसी को
हमने कफ़न तन्हाई का खुद ओढ लिया है
महफिल मे जाके भी हमें तन्हा ही रहना था्
ये सोच महफिलों मे जाना छोड दिया है
ना आगे ना पीछे ना कोई साथ है मेरे
रिश्तों की लाशें जब से ढोना छोड दिया है
इन जहाँ वालो की परवाह कौन करता था
ग़म तो है ये कि तुमने हमे छोड दिया है
इक रिश्ता ए उम्मीद बचा था किसी तरह
लो आखिरी रिश्ता भी आज तोड दिया है
नफरत करे तुमसे ना जब हमसे हुआ मुमकिन
मजबूरन ही तुमसे प्यार करना छोड दिया है
जब भी लगा मन्जिल कोई नसीब मे नही
माझी ने भी जिसे बीच भवर छोड़ दिया है
और भी बढ जाये जिससे प्यास इस दिल की
वो जाम होठो से लगाना छोड दिया है
पंखो को मेरे बांध कर तुमने कहा उडो
हकीकत से किस कदर मुँह तुमने मोड़ लिया है
इतनी बडी सजा के तो हकदार हम न थे
ये किसका गुनाह नाम मेरे जोड दिया है
अब तो दवा लाना तेरा बेकार ही गया
कब का मरीजे ए इश्क ने दम तोड़ दिया है
जरूरत नही रही तो बीच राह छोड दिया है
दामन छुडाने मे ना हो तकलीफ़ किसी को
हमने कफ़न तन्हाई का खुद ओढ लिया है
महफिल मे जाके भी हमें तन्हा ही रहना था्
ये सोच महफिलों मे जाना छोड दिया है
ना आगे ना पीछे ना कोई साथ है मेरे
रिश्तों की लाशें जब से ढोना छोड दिया है
इन जहाँ वालो की परवाह कौन करता था
ग़म तो है ये कि तुमने हमे छोड दिया है
इक रिश्ता ए उम्मीद बचा था किसी तरह
लो आखिरी रिश्ता भी आज तोड दिया है
नफरत करे तुमसे ना जब हमसे हुआ मुमकिन
मजबूरन ही तुमसे प्यार करना छोड दिया है
जब भी लगा मन्जिल कोई नसीब मे नही
राहों को हमने खुद ही नया मोड दिया है
डूबना उस कश्ती की तकदीर बन गयी माझी ने भी जिसे बीच भवर छोड़ दिया है
और भी बढ जाये जिससे प्यास इस दिल की
वो जाम होठो से लगाना छोड दिया है
पंखो को मेरे बांध कर तुमने कहा उडो
हकीकत से किस कदर मुँह तुमने मोड़ लिया है
इतनी बडी सजा के तो हकदार हम न थे
ये किसका गुनाह नाम मेरे जोड दिया है
अब तो दवा लाना तेरा बेकार ही गया
कब का मरीजे ए इश्क ने दम तोड़ दिया है
4 comments:
bahut hi khub ................achchhe bhaw
बेहतरीन!!
It's different & deep...
Om ji , Sameer sahib, aur Nidhi ji
rachanaa ko padhne, aur srahaane ke liye dhanyawaad.
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