Tuesday, April 6, 2010

यार जब दिल मे कोई बस जाये तो क्या कीजीये

यार जब दिल मे कोई बस जाये तो क्या कीजीये
दिन रात वो ही याद जब आये तो क्या कीजीये
लोग माहिर हैं भुला देने मे अपने प्यार को
हम से इस तरह ना भूला जाए तो क्या कीजीये
दिल दिया है उसको तो हम जान भी देंगे उसे
इन्तजार उससे ना हो पाये तो क्या कीजीये
धीरे धीरे प्यार दिल मे खुद ही तो उसने भरा
उनके बिंन अब रहा ना जाये तो क्या कीजीये
जो ना हो सकती था हम वो बात करने चल पडे
वो बात अब हमसे नही बन पाए तो क्या कीजीये
कहने को कह्ते है वो ये विश्वास है हम पे बहुत
हर बात पे करते हैं शक तुम ही कहो क्या कीजीये

2 comments:

Dr. C S Changeriya said...

mat pucho yar bahut kuch hota he




shekhar kumawat


http://kavyawani.blogspot.com/

Jandunia said...

बहुत सुंदर रचना।