Friday, February 6, 2015

कीमत लगा के प्यार का पाना कोई पाना है

मतलब से  रिश्ता रखना क्या रिश्ता बनाना है
मज़बूरी में साथ आना क्या रिश्ते निभाना है

पहले लगना ज़ख़्म और फिर हाल पूछना
ये नमक छिड़कना है या फिर मरहम लगाना है

प्यार ही नही बचा तो  रिश्ते में बचा क्या
ये तो रिश्ते की लाश को बस ढोते जाना है

कभी खुद भी शीशा देख और चेहरे को साफ़ कर
या तेरा  काम बस औरो  को  शीशा  दिखाना है

तेरी ये ज़िद है  अपनी ज़रूरत कहूँ तुझसे
पर मेरी फितरत खुद से भी खुद को  छुपाना है

देना तो वो है दे सको जो  तुम खुशी खुशी
इक मोड़ पर  तो सब को सब कुछ ही गवाना है

दिल में तराज़ू रख के कुछ दे भी दिया तो क्या
तोल  मोल कर प्यार क्या करना कराना है

किसी और की भी सोच अपनी ही सोच ना
तरक्की की राह पे अगर  तुझे  दूर जाना है

गर हो सके तो दिल में  गुजांइश कुछ पैदा कर
वरना इक दिन  तेरा साथ सब ने छोड़ जाना है

किस किस का साथ छूटेगा तेरे साथ के लिए
अपनी है ज़िद  तेरा साथ तो फिर भी निभाना है

क्यों जाल बिछाये कोई  उस पंछी के लिए
जिसकी आदत ही जाल में खुद को फंसाना है
 

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