Sunday, December 27, 2020

देने को तैयार सब तू जब तक कुछ नहीं ले

 देने को  तैयार सब तू  जब तक कुछ नहीं ले 

जब भी कुछ लेने लगे तो कोई कुछ नहीं दे  


धरम करम  का ओढ़  लबादा  करे उंची उंची बात 

भीतर से तो जानवर  जैसी करता हर एक बात 


कुछ बाजियों में तो जीत हार का  पता कहाँ  चल पाता है 

तू समझेगा  तू  जीता पर असल में होगा तू हारा


No comments: