Thursday, June 12, 2008

दिल भी दिया तो उसके बदले तोल से ज्यादा दाम लिया

सब लाख सिखाते रहे हमे काम दिमाग से लिया करो
 हम ठहरे अल्हड़ नादाँ जब लिया तो दिल से काम लिया
 प्यार मे भी व्यापार सा अब व्यवहार दिखाने लगे हैं लोग
 दिल भी दिया तो उसके बदले तोल से ज्यादा दाम लिया
 सुन लेते लोगो की अगर तो हम भी तरक्की कर जाते
रह गये पीछे क्योंकि हमने पगले दिल से काम लिया 
कोई पुकारा अल्लाह तो किसी ने रब का नाम लिया
वक्त-ए-इबादत हमने जब भी लिया तुम्हारा नाम लिया
 जिन्होने की रब की पूजा वो मरके स्वर्ग को जायेंगें
उसको स्वर्ग मिलेगा यहीं जिसने तेरा दामन थाम लिया
 साकी तेरी नजरों से अधिक मय भी नशीली क्या होगी
 हम ने देखी तेरी नजर जब औरो ने तुझ से जाम लिया
 अपनो और गैरो मे हमको फर्क नजर आया तो यही
अपनो ने जब छोड़ दिया गैरो ने बढ़ के थाम लिया
 क्या बाकी बचा इन्साफ यहाँ और कैसे मुन्सिफ बैठे है
 उसी जुर्म पे इक को सजा मिली और दूजे ने इनाम लिया
 तुम कहते अगर,हम दिल अपना, खुद टुकड़े टुकड़े कर देते
 दिल तोड़ मेरा, तुमने नाहक, क्यों अपने सर इल्जाम लिया

2 comments:

seema gupta said...

प्यार मे भी व्यापार सा अब व्यवहार दिखाने लगे हैं लोग
दिल भी दिया तो उसके बदले तोल से ज्यादा दाम लिया
" bhut shee kha hai aapne bhut hee shee...."

Regards

Krishan lal "krishan" said...

seema Gupta ji
aapkaa mere is blog par swagat hai. Aapko sher pasand aaya ye jaankar achhaa laga . Kripya blog par aate rahen to aur bhi achha lagega