Tuesday, February 9, 2010

लगी हाथ अपने है प्यार की इक किताब अभी अभी


अब देखिये क्या रंग दिखाता है रेड रोज़
उन्हें आज हमने दिया है इक गुलाब अभी अभी

उस फूल में भी दिल मेरा आये उसे नजर
दिल के लहू से है रंगा गुलाब अभी अभी

 ता उम्र बदली करवटे ना नींद थी ना ख़्वाब था
 लगी आँख तो दिखा है उसका ख़्वाब अभी अभी

ता उम्र मिले जख्म तो अब जा के तुम मिली
खुदा ने किया चुकता मेरा हिसाब अभी अभी

बनके सवाल वो सारी उम्र  उलझाता रहा मुझे
मिलने से तेरे मिल गया वो जवाब अभी अभी

 समझेगे अब  है प्यार क्या होती है क्या वफा
लगी हाथ अपने है प्यार की किताब अभी अभी

2 comments:

Randhir Singh Suman said...

अब देखिये क्या रंग दिखाता है रेड रोज़
उन्हें आज हमने दिया है इक गुलाब अभी अभी
nice

Krishan lal "krishan" said...

shukriya suman ji bahut bahut shukriya