अपनी जो होनी थी होली, हो ली हो ली हो ली
जो थी कभी हमारी वो अब और किसी की हो ली
ले तोड़ दी हम ने सारी कसमे फिर ए मेरे हमजोली
हर इक गम को ताक पे रखके हमने मना ली होली
तुझ को ही जब भाने लगा है साथ कोई अनजाना
मिल ही जाएगा हमको भी अब कोई और ठिकाना
जाने कब से खेल रही हो तुम मुझ से आँख मिचोली
हर इक गम को ताक पे रखके हमने मना ली होली
कल तक मेरा ही होने की खाती थी जो कसमे
आज उसे याद आने लगी है रीति रिवाज और रस्मे
खुशियों का वादा था भर दी गम से मेरी झोली
हर एक गम को ताक पे रख के हमने मना ली होली
वैसे भी खुदग़रज़ लोग हैं कहाँ किसी के होते
जब तक मतलब रहता है बस तब तक रिश्ते ढोते
ऐसे लोगो की क्या परवाह मारो इनको गोली
हर इक गम को ताक पे रखके मैंने मना ली होली
प्यार के रंग से बचने को जा छुपी है जो किसी कोने में
फर्क रहा क्या ऎसी गर्ल फ्रेन्ड होने या ना होने में
इतना प्यासा रखा अब तो प्यास छूमन्तर हो ली
हर इक गम को ताक पे रखके हमने मना ली होली
जो थी कभी हमारी वो अब और किसी की हो ली
ले तोड़ दी हम ने सारी कसमे फिर ए मेरे हमजोली
हर इक गम को ताक पे रखके हमने मना ली होली
तुझ को ही जब भाने लगा है साथ कोई अनजाना
मिल ही जाएगा हमको भी अब कोई और ठिकाना
जाने कब से खेल रही हो तुम मुझ से आँख मिचोली
हर इक गम को ताक पे रखके हमने मना ली होली
कल तक मेरा ही होने की खाती थी जो कसमे
आज उसे याद आने लगी है रीति रिवाज और रस्मे
खुशियों का वादा था भर दी गम से मेरी झोली
हर एक गम को ताक पे रख के हमने मना ली होली
वैसे भी खुदग़रज़ लोग हैं कहाँ किसी के होते
जब तक मतलब रहता है बस तब तक रिश्ते ढोते
ऐसे लोगो की क्या परवाह मारो इनको गोली
हर इक गम को ताक पे रखके मैंने मना ली होली
प्यार के रंग से बचने को जा छुपी है जो किसी कोने में
फर्क रहा क्या ऎसी गर्ल फ्रेन्ड होने या ना होने में
इतना प्यासा रखा अब तो प्यास छूमन्तर हो ली
हर इक गम को ताक पे रखके हमने मना ली होली
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