Tuesday, February 9, 2021

मेरी बातो पर शायद तुझे आज यकीन नहीं आएगा

एक पल में ही  भूल जाए  जो उम्र भर के अहसान

मेरी नज़र में जानवर से  बदतर  है ऐसा इंसान  


 नहीं ज़रुरत फिर भी इकठा करता फिरे  सामान 

खुद ही समस्या पैदा कर रहा फिर ढूंढेगा समाधान 

 

बस औरों को उपदेश देने में   माहिर हैं  सब  लोग

जब  आन पड़े  खुद पे तो मारते   हर उसूल को लात 


न रिश्ते राहे अब रिश्तो से न रहा प्यार सा प्यार 

वक्त ने क्या  करवट ली सारा बदल गया संसार  


इतना ही खुददार है तो पिछला क़र्ज़ चुका के दिखा 

गर वो था मेरा  फ़र्ज़ तो चल अपना फ़र्ज़ निभा के दिखा 


मेरी  गलती रट रट  के खुद को तू पाक साफ न कर

अपना फ़र्ज़ निभाके दिखा फिर चाहे मुझसे बात ना कर  


तूने किसीका खाया है तो तेरा भी कोई खायेगा 

तूने रुलाया है मुझको कोई आकर तुझे रुलाएगा 


मेरी बातो पर शायद तुझे आज यकीन नहीं आएगा 

पर तू  रोयेगा पछतायेगा वो दिन भी  ज़ल्दी आएगा  

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