Friday, February 12, 2021

अहसास अगर मर जाए तो

 अब तक तो जितने यार मिले

या मतलबी या गद्दार मिले


आँखों में बसाया जिसको भी
वो आंसू  बन के  बह  निकला
अब दिल में बसाया है  तुमको
देखें क्या हमे इस बार मिले

अहसास अगर मर जाए तो
रिश्तों में बता बाक़ी क्या बचा
क्यों लाश सा रिश्ता वो ढोना
ना वफ़ा मिले ना प्यार मिले

गरमाहट न रहे जब रिश्तो में
ये तो मरना हुआ  किश्तों में
जीना तो उसी को  कहतें है
जिसमे अपनो का प्यार मिले

चाहत से नही होता कुछ भी
जी जान लगाना पडता  है
मंजिल हो अगर आकाश में तो
पंखो को फैलाना पड़ता है

तू  पंख फैला के देख जरा
आकाश लगेगा छोटा  सा
हाँ पंख फैलाने की खातिर
हिम्मत को जुटाना पड़ता है

पिंजरे का पंछी क्या बनना 
दाना चोगा तो बैठें मिला
पर जब भी कभी उड़ना चाहा
बंद  पिंजरे के सब द्वार मिले 



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